ट्रेनों के लेट चलने की मिल रही शिकायतों के मद्देनजर रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अधिकारी या तो ट्रेनों के समय पर चलना सुनिश्चित करें या फिर 'कार्रवाई' का सामना करें।
मंत्रालय ने जोनल हेड को निर्देश दिया गया है कि नाइट शिफ्ट में रात के 10 बजे से सुबह 7 बजे तक एक सीनियर लेवल के अधिकारी को तैनात किया जाए। ट्रेनों के परिचालन में हो रही देरी को रोकने और उसकी स्थिति पर निगरानी रखने और समस्याओं को सुलझाने के लिए यह फैसला लिया गया है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भारतीय रेलवे के आधिकारिक वेबसाइट NTES (नैशनल ट्रेन एन्क्वाइअरी सिस्टम) पर उपलब्ध ट्रेनों के समय का डेटा और वास्तविक समय को लेकर यात्रियों के अनुभव के अंतर का भी संज्ञान लिया। उन्होंने अधिकारियों को लिखे पत्र में इस समस्या से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है।
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इस साल पिछले वर्ष की तुलना में 1 से 16 अप्रैल के बीच में ट्रेनों के समय पर चलने की दर 84 फीसदी से घटकर 79 फीसदी हो गई है। साथ ही इस दर में 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
जोनल रेलवे के भी प्रदर्शन विश्लेषण में ट्रेनें समय पर नहीं चल रही हैं। जिन ज़ोन का डेटा आया है उसके अनुसार पूर्वी रेलवे (-8.9 फीसदी), पूर्वोत्तर रेलवे (-11 फीसदी), मध्यपूर्व रेलवे (-10 फीसदी), दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (-11 फीसदी), पश्चिम मध्य रेलवे (-8 फीसदी) तथा कोंकण रेलवे (-6.9 फीसदी) में गिरावट दर्ज की गई है।
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विश्लेषणों में पाया गया है कि 11 डिविजनों का भी प्रदर्शन अनुमान से कम है। इनमें वाराणसी, मुंबई, दानापुर, समस्तीपुर, झांसी, जबलपुर डिविजन शामिल हैं।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु के निर्देश के अनुसार इन अधिकारियों के नाम और मोबाइल नंबर बोर्ड के पंक्चुअलिटी कंट्रोल पर प्रतिदिन के हिसाब से उपलब्ध रहेंगे।
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Source : News Nation Bureau