ये 5 बड़ी अड़चने कैशलेस अर्थव्यवस्था की राह में है सबसे बड़ा रोड़ा
नोटबंदी के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाने के लिये हर संभव प्रयास करते दिख रहे हैं। इन दिनों वह अपने हर भाषण में लोगों से नकदी रहित लेन देन सीखनें पर बल दे रहे हैं, क्योंकि उनका मानना कि यह ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी है।
नई दिल्ली:
नोटबंदी के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाने के लिये हर संभव प्रयास करते दिख रहे हैं। इन दिनों वह अपने सभी भाषण में लोगों से नकदी रहित लेन देन सीखनें पर बल दे रहे हैं, साथ ही ये भी बता रहें हैं कि कैशलेस ट्रांजेक्शन ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी है।
मोदी सरकार ने ई-बैंकिंग, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, कार्ड स्वाइप या पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन और डिजिटल वॉलेट की जानकारी देने के लिए विशाल सोशल मीडिया कैंपेंन भी चलाया है। लेकिन आपको शायद ये नहीं पता है कि देश को कैशलेस बनाने की राह में कई अड़चने आड़े आ रही हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी ही 5 प्रमुख बाधाएं जो नकदी रहित अर्थव्यवस्था की राह में आ रही हैं।
ये भी पढ़ें, अप्रैल से रेलवे का नया नियम, सीनियर सिटीजन टिकट में रियायत के लिए आधार कार्ड जरूरी
1. देश में 34.2 करोड़ इंटरनेट यूजर हैं, यानी 27 फीसदी आबादी (ट्राई और केलिनर काउफिल्ड एंड बायर्स के आंकड़ों के मुताबिक), लेकिन दूसरी तरफ 73 फीसदी आबादी या 91.2 करोड़ लोगों के पास इंटरनेट नहीं है। इंडियास्पेंड की मार्च की रपट में बताया गया कि इंटरनेट यूजर का वैश्विक औसत 67 फीसदी है। इसमें भारत विकसित देशों से तो पीछे है ही, नाइजीरिया, केन्या, घाना और इंडोनेशिया से भी पिछड़ा है।
2. स्मार्टफोन केवल 17 फीसदी लोगों के पास हैं। यह कम आय वर्ग में केवल सात फीसदी तथा अमीरों में 22 फीसदी लोगों के पास है।
3. 1.02 अरब लोगों के पास ब्राडबैंड है, लेकिन केवल 15 फीसदी भारतीयों को ही उपलब्ध है। इनमें ट्राई के मुताबिक 90 फीसदी कनेक्शन ही चालू हैं।
4. मोबाइल इंटरनेट की धीमी स्पीड-भारत में पेज लोड होने का औसत समय 5.5 सेकेंड है, जबकि चीन में 2.6 सेकेंड और दुनिया में सबसे तेज इजरायल में 1.3 सेकेंड है। श्रीलंका और बांग्लादेश में भी भारत से ज्यादा क्रमश: 4.5 और 4.9 सेकेंड है।
5. देश में प्रति 10 लाख की आबादी पर महज 856 पीओएस मशीनें हैं। आरबीआई की अगस्त 2016 की रपट के मुताबिक कुल 14.6 लाख पीओएस मशीनें हैं। ब्राजील जिसकी आबादी भारत से 84 फीसदी कम है, 39 गुणा अधिक पीओएस मशीनें हैं।
ये भी पढ़ें, हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान ने पूछा, आतंक़ को रोकने के लिए पाकिस्तान ने क्या किया ?
हालांकि भारत में अमेरिका से ज्यादा इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, लेकिन बहुत कम लोगों के पास स्मार्टफोन और इंटरनेट की सुविधा है। एक समाचार पत्र के विश्लेषण के मुताबिक, देश में करीब 90 फीसदी लेन देन ही नकद होते हैं।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी