असम में एक गैंडे की हत्या

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व (केएनपी एंड टीआर) में शिकारियों ने एक वयस्क मादा गैंडे को कथित तौर पर मार डाला। उसका शव गुरुवार को मिला लेकिन उसमें सींग नहीं थे। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।

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बीते नौ महीनों में गैंडों के अवैध शिकार की यह पहली घटना है और पिछले साल अप्रैल में इस तरह का आखिरी मामला सामने आया था।

पार्क के अधिकारियों ने बताया कि हिलेखोंडा कैंप क्षेत्र के वन कर्मचारियों को लंबी हाथी घास के अंदर करीब 30 साल की मादा गैंडे का शव मिला था।

पार्क के एक अधिकारी ने कहा, यह अवैध शिकार का मामला है क्योंकि सींग नहीं है। गैंडा एक वयस्क मादा थी। लगता है मौत 15 दिन से पहले हुई है।

वन अधिकारियों ने खोजी कुत्तों को तैनात किया है और शिकारियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी है।

संयोग से, शव इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेट कप्तान केविन पीटरसन द्वारा असम में गैंडों के अवैध शिकार को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रशंसा करने के एक दिन बाद मिला है।

वन रक्षकों की संख्या में वृद्धि सहित असम वन विभाग द्वारा उठाए गए कदमों की एक सीरीज के बाद उनके सींग और दांत के लिए गैंडों और हाथियों का अवैध शिकार काफी कम हो गया था।

असम में पिछले साल गैंडों के अवैध शिकार का एक मामला सामने आया, जो 21 साल में सबसे कम है।

2020 में दो, 2019 में तीन, 2018 में सात और 2017 में छह गैंडे मारे गए। जबकि 2013 और 2016 के बीच, शिकारियों ने कम से कम 89 गैंडे मारे हैं जिनमें से 2013 और 2014 में 27-27 मारे गए।

असम सरकार ने पिछले साल भारत के सात यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से एक, केएनपी और टीआर में गैंडों के अवैध शिकार पर अंकुश लगाने के लिए एंटी-पोचिंग टास्क फोर्स (एपीटीएफ) का गठन किया था, जो असम के गोलाघाट, नागांव, सोनितपुर, बिश्वनाथ और कार्बी आंगलोंग जिलों में फैला हुआ है।

असम में वर्तमान में 2,640 भारतीय एक-सींग वाले गैंडों की अनुमानित आबादी है।

--आईएएनएश

एसएस/आरएचए

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Source : IANS

      
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