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S-400 का पहला स्क्वाड्रन पंजाब सेक्टर में होगा तैनात, अब चीन और पाकिस्तान पर नजर

S-400 वायु रक्षा प्रणाली को भारत द्वारा लगभग 35,000 करोड़ रुपये के सौदे में अनुबंधित किया गया था और 400 किलोमीटर तक के हवाई खतरों से निपटने के लिए भारत को पांच स्क्वाड्रन प्रदान किए जाएंगे.

Updated on: 21 Dec 2021, 09:41 AM

highlights

  • S-400 वायु रक्षा प्रणाली को भारत ने करीब 35,000 करोड़ के सौदे में अनुबंधित किया था
  • पहले स्क्वाड्रन की यह मिसाइल पाकिस्तान-चीन दोनों से हवाई खतरों से निपटने में सक्षम
  • S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है

नई दिल्ली:

देश की वायु रक्षा क्षमताओं को एक बड़ा बढ़ावा देने के लिए भारतीय वायु सेना (IAF) पंजाब सेक्टर में S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का पहला स्क्वाड्रन तैनात कर रही है. सरकार के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "पहला स्क्वाड्रन पंजाब सेक्टर में तैनात किया जा रहा है. पहले स्क्वाड्रन की यह मिसाइल पाकिस्तान और चीन दोनों से हवाई खतरों से निपटने में सक्षम होगी. सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि रूसी मिसाइल प्रणाली के हिस्से इस महीने की शुरुआत में भारत पहुंचने लगे थे और अगले कुछ हफ्तों में इस इकाई के चालू होने की उम्मीद है.

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S-400 वायु रक्षा प्रणाली को भारत द्वारा लगभग 35,000 करोड़ रुपये के सौदे में अनुबंधित किया गया था और 400 किलोमीटर तक के हवाई खतरों से निपटने के लिए भारत को पांच स्क्वाड्रन प्रदान किए जाएंगे. S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है जो दुश्मन के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों और AWACS विमानों को 400 किलोमीटर, 250 किलोमीटर, मध्यम दूरी की 120 किलोमीटर और कम दूरी की 40 किलोमीटर पर मार सकती है. 
IAF अधिकारियों और कर्मियों ने रूस में सिस्टम पर प्रशिक्षण लिया है.

इस महीने की शुरुआत में विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला ने घोषणा की थी कि रूस ने सतह से हवा में लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली की डिलीवरी शुरू कर दी है. श्रृंगला का यह बयान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के तुरंत बाद आया था. पुतिन की दिन भर की यात्रा के दौरान रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अपने देश और भारत के बीच S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली डील की प्रशंसा की थी.