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रडार से बच सकने वाले पहले युद्धपोत का जलावतरण आज, नौसेना की बढ़ेगी ताकत

नौसेना की ताकत को और मजबूती देने के मद्देनजर रक्षा के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जीआरएसई द्वारा प्रोजेक्ट 17ए के तहत निर्मित रडार की पहुंच से बच सकने वाले पहले युद्धपोत का जलावतरण आज होगा.

Updated on: 14 Dec 2020, 08:48 AM

नई दिल्ली:

भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ने जा रही है. अब दुश्मन को पानी के रास्ते भारत की ओर रुख करना भारी पड़ेगा. नौसेना की ताकत को और मजबूती देने के मद्देनजर रक्षा के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जीआरएसई द्वारा प्रोजेक्ट 17ए के तहत निर्मित रडार की पहुंच से बच सकने वाले पहले युद्धपोत का जलावतरण आज होगा.  

उन्होंने बताया कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे और उनकी पत्नी मधुलिका रावत हुगली नदी के किनारे स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स पर इसका जलावतरण करेंगी. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि परियोजना 17ए के तहत जीआरएसई विभिन्न खूबियों से लैस ऐसे तीन नौसेना पोत का निर्माण कर रही है. पहले पोत के जलावतरण के बाद यह विभिन्न परीक्षणों से गुजरेगा और इसमें अत्याधुनिक उपकरण लगाये जाएंगे जिसके बाद इसे नौसेना को सौंपा जाएगा.

उन्होंने बताया कि कंपनी को परियोजना 17ए के तहत तीन युद्धपोत निर्माण का ठेका मिला है, जिनकी कीमत 19,294 करोड़ रुपये है. पहला युद्धपोत वर्ष 2023 में जबकि दूसरा और तीसरा क्रमश: 2024 और 2025 में नौसेना को मिलने की उम्मीद है.