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नीति आयोग में कोरोना वायरस का पहला मरीज, बंद की गई इमारत

नीति आयोग में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद इसकी इमारत को बंद कर दिया गया है. नीति आयोग में एक अफसर को कोरोना का संक्रमण हुआ है.

Updated on: 28 Apr 2020, 12:22 PM

नई दिल्ली:

नीति आयोग में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद इसकी इमारत को बंद कर दिया गया है. नीति आयोग में एक अफसर को कोरोना का संक्रमण हुआ है. एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का एक कर्मचारी सोमवार को कोविड-19 (Covid-19) से संक्रमित पाया गया था, जिसके बाद शीर्ष कोर्ट के दो रजिस्ट्रार को भी होम क्‍वारंटाइन में भेज दिए गए. अब यह जानकारी प्राप्त की जा रही है कि संक्रमित कर्मचारी किन-किन लोगों के संपर्क में आया है.

जानकारी के अनुसार, पिछले सप्ताह दो बार कोरोना वायरस से संक्रमित कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट आया था. हालांकि, कोरोना के संक्रमण से बचने को अदालतों की कार्यवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हो रही है. अब सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सभी उपायों को लेकर विचार विमर्श कर रहे हैं. आपका बता दें कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ने वाले डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी के साथ-साथ अन्य वे लोग जो सीधे मोर्चे पर तैनात हैं, वो भी इस जानलेवा वायरस की चपेट में आ रहे हैं.

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इससे पहले रविवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के ओएसडी दफ्तर का गार्ड कोविड-19 से संक्रमित पाया गया था. इसकी जानकारी सामने आते ही सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया. इसके बाद तुरंत ही संबंधित ओएसडी को क्वारेंटीन कर दिया गया. साथ ही संबंधित दफ्तर को भी बंद कर दिया गया.

कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति में हो रहा सुधार, लॉकडाउन का पालन जरूरी : डा हर्षवर्धन

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति में सुधार हो रहा है और इसके परिणामस्वरूप ही देश में संक्रमण से प्रभावित हॉटस्पॉट जिलों के रूप में चिन्हित किए गए क्षेत्र अब सामान्य स्थिति की ओर अग्रसर हैं. देश में कोविड-19 के फैलने की स्थिति के बारे में केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि इस समय भारत में कोविड-19 के रोगियों की मृत्युदर 3.1 है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह दर सात प्रतिशत है. 5913 लोगों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से दी जा चुकी है. स्वस्थ होने की दर लगभग 22 प्रतिशत है जो अधिकतर देशों के मुकाबले बेहतर है.

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उन्होंने कहा कि देश में पिछले तीन दिनों में मामले दोगुना होने की दर 10.5 दिन है. पिछले सात दिन में यह दर 9.3 दिन है और पिछले 14 दिन के लिए यह दर 8.1 दिन है. इससे पता चलता है कि देश में लॉकडाउन और क्लस्टर प्रबंधन तथा कंटेनमेंट स्ट्रैटेजी के कारण सकारात्मक परिणाम मिले हैं.