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संसद सत्र के पहले ही दिन विपक्ष का भारी हंगामा, कृषि बिल पर तकरार

तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के संवैधानिक प्रावधानों को पूरा करने के लिए सरकार सोमवार को लोकसभा में 'द फार्म लॉ रिपील बिल, 2021' पेश करेगी.

Updated on: 29 Nov 2021, 11:58 AM

highlights

  • संसद सत्र शुरू होते ही विपक्ष का भारी हंगामा
  • कृषि बल पर चर्चा कराए जाने पर अड़ा विपक्ष
  • लोकसभा औऱ राज्यसभा को कार्यवाही स्थगित

नई दिल्ली:

सोमवार से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में कृषि बिल पर विपक्ष ने दोनों सदनों में सरकार के खिलाफ अपना विरोध तेज कर दिया है. इस बीच मोदी सरकार सोमवार को ही कृषि कानूनों को निरस्त करने का विधेयक पेश कर रही है. कांग्रेस और अन्य पार्टियों के कई सांसदों ने अपने-अपने सदनों में नोटिस भेजा है. लोकसभा में कांग्रेस के फ्लोर लीडर अधीर रंजन चौधरी ने प्रश्नकाल स्थगित करने और एमएसपी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सदन में स्थगन नोटिस दिया है. नोटिस में चौधरी ने कहा कि 'सरकार को कानूनी गारंटी के साथ सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करना चाहिए.' इसके साथ ही विपक्ष ने कृषि बिल पर चर्चा की मांग कर भारी हंगामा किया, जिसके चलते दोनों ही सदनों की कार्यवाही दोपहर तक स्थगित करनी पड़ी.

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा देने की मांग को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. ऐसा ही नोटिस मनिकम टैगोर ने राज्यसभा में भी दिया है. भाकपा के बिनॉय विश्वम ने कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी सुनिश्चित करने पर चर्चा की मांग करते हुए सदन में निलंबन का नोटिस दिया है. आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने नियम 267 के तहत 'किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी पर चर्चा' की मांग करते हुए बिजनेस नोटिस का निलंबन किया है.

तेलंगाना में फसल खरीद को लेकर टीआरएस सांसद के. केशव राव ने राज्यसभा में निलंबन नोटिस दिया है. उनका नोटिस 'फसलों की खरीद न होने पर केंद्र सरकार की भेदभावपूर्ण फसल खरीद नीति' पर चर्चा करने को लेकर है. तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के संवैधानिक प्रावधानों को पूरा करने के लिए सरकार सोमवार को लोकसभा में 'द फार्म लॉ रिपील बिल, 2021' पेश करेगी. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इसे निचले सदन में इसे पेश करेंगे.