बेंगलुरु की बेल्लानदुर झील के आसपास बिखरे कचरे में आग गई जिसके कारण झील के आसपास के इलाके में घना धुंआ भर गया। फायर ब्रिगेड को आग बुझाने के लिये काफी मशक्कत करनी पड़ी और करीब दो घंटे में आग पर काबू पा लिया गया। पर्यावरण मंत्रालय ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।
घटना के कारण बेहद व्यस्त सर्जनपुर मुख्य मार्ग पर वाहनों में जा रहे लोगों में दहशत फैल गयी। कर्नाटक फायर विभाग के उपनिदेशक के यू रमेश ने बताया, "आम तौर पर झील के आस पास बिखरे कचरे में आग लगायी जाती है, लेकिन इस आग के कारण गुरुवार (16 फरवरी) की शाम झील के चारों ओर और निचले इलाके में धुंआ फैलने से वहां के निवासी और मोटरवाहन चालक भयभीत हो गये।"
वहां के निवासियों ने बृहद् बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) से कचरे के निपटारे के इस तरीके पर रोक लगाने की मांग की।
कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष लक्ष्मण ने बताया कि बीबीएमपी, बेंगलुरु जल आपूर्ति एवं सीवेज बोर्ड और अन्य एजेंसियों को कचरे का इस तरह से निपटारा करने से रोकने के लिये नोटिस जारी किया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि बोर्ड इलाके में जल मल शोधन संयंत्र की जांच करने की प्रक्रिया में है। यह झील पिछले एक साल से झाग और जहरीले धुंए के कारण सुर्खियों में है।
बेंगलुरु में बेल्लानदुर झील के आसपास जमा कूड़े के ढेर में लगी आग की जांच के लिये पर्यावरण मंत्रालय ने आदेश दिए हैं। पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने कहा, हम इसकी जांच कर रहे हैं। हमें ये देखना होगा कि आग के पीछे क्या कारण थे।
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Source : News Nation Bureau