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NRC: असम के स्टेट कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला पर दर्ज हुई FIR

Supreme Court की निगरानी के तहत Assam में एनआरसी को अपडेट करने के लिए शीर्ष न्यायालय में मूल याचिकाकर्ता एपीडब्ल्यू ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए एनआरसी के पूर्व राज्य संयोजक और उनके करीबी सहायकों द्वारा सरकारी धनराशि में गड़बड़ी के मामले की एक उच्चस्तरीय जांच कराने का अनुरोध भी किया है.

Updated on: 30 Nov 2019, 08:16 AM

highlights

  • गुवाहाटी में भारतीय नागरिकता रजिस्टर के स्टेट कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला पर एफआईआर दर्ज.
  • असम के एक एनजीओ Assam Public Works ने हजेला पर एनआरसीअपडेशन के दौरान सरकारी पैसे में बड़ा घोटाला करने का आरोप लगाया है.
  • गैर सरकारी संस्था एपीडब्ल्यू के सदस्य राजीव डेका द्वारा इस मामले में एफआईआर दर्ज कराया गया है.

गुवाहाटी:

गुवाहाटी (Guwahati) में भारतीय नागरिकता रजिस्टर (National Register of Citizenship-NRC) के स्टेट कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला (Prateek Hajela, State Coordinator, Assam State) पर एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है. असम के एक एनजीओ Assam Public Works ने हजेला पर एनआरसीअपडेशन के दौरान सरकारी पैसे में बड़ा घोटाला करने का आरोप लगाया है.

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Supreme Court की निगरानी के तहत Assam में एनआरसी को अपडेट करने के लिए शीर्ष न्यायालय में मूल याचिकाकर्ता एपीडब्ल्यू ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए एनआरसी के पूर्व राज्य संयोजक और उनके करीबी सहायकों द्वारा सरकारी धनराशि में गड़बड़ी के मामले की एक उच्चस्तरीय जांच कराने का अनुरोध भी किया है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हजेला के खिलाफ दर्ज शिकायत में कहा गया है -सूचना के मुताबिक लगभग 1,600 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं और हमने धनराशि के इस्तेमाल की समूची प्रक्रिया की छानबीन कराने का अनुरोध किया है क्योंकि विभिन्न खर्चे के नाम पर कई गड़बड़ियां और वित्तीय अनियमितता हुई.

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गैर सरकारी संस्था एपीडब्ल्यू के सदस्य राजीव डेका द्वारा इस मामले में एफआईआर दर्ज कराया गया है. इस एफआईआर में ये कहा गया है कि केंद्र सरकार राज्य संयोजक के जरिए एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया के लिए धनराशि प्रदान कर रही थी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एनजीओ ने हजेला के तहत एनआरसी कार्यालय के कामकाज में भारी वित्तीय अनियमितता का हवाला दिया. शिकायतकर्ता एनजीओ ने अपने FIR में कहा है कि एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया में कई स्कूली शिक्षकों को लगाया गया लेकिन उन्हें इसके लिए भुगतान नहीं किया गया जबकि रिकॉर्ड में इस मद में भारी राशि का भुगतान दिखाया गया है.

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संस्था ने हजेला के सलाहकारों की कथित नियुक्ति और लैपटॉप एवं जेनरेटर की खरीदारी में वित्तीय गड़बड़ी सहित कई बातों को प्वाइंट आउट किया गया है. एनजीओ का कहना है कि इसी वजह से हजेला ने खर्च की राशि का सीएजी की तरफ से ऑडिट भी नहीं होने दिया.