उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के हस्तिनापुर थाने में तैनात रहे थाना प्रभारी (एसएचओ) धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई गयी है। धर्मेंद्र सिंह ने आय से 134 प्रतिशत अधिक संपत्ति जुटाई है। संपत्ति के बारे में कोई भी प्रमाणित दस्तावेज वह उपलब्ध नहीं करा पाए हैं।
बता दें कि एसएचओ धर्मेंद्र सिंह मेरठ में मेडिकल, सरूरपुर और हस्तिनापुर थाने में तैनात रह चुके हैं।
हस्तिनापुर थाने में तैनाती के दौरान 29 सितंबर 2020 को खुलासा हुआ कि एसएचओ धर्मेंद्र सिंह ने हस्तिनापुर में पत्नी के नाम पर कुछ जमीन खरीदकर एक अलीशान फार्म हाउस बनाया। इसी दौरान जांच बैठाई गई और उसे सस्पेंड कर दिया गया। इसी दौरान बिजली चोरी का मुकदमा भी बिजली विभाग के अधिकारियों ने धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ दर्ज कराया।
इस पूरे प्रकरण में आय से अधिक संपत्ति को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक भ्रष्टाचार निवारण संगठन के राजीव मल्होत्रा की ओर से जांच शुरू कराई गई। मेरठ में तैनात निरीक्षक अशोक कुमार शर्मा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। जांच में खुलासा हुआ कि धर्मेंद्र सिंह ने 1 सितंबर 2015 से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक की अवधि यानी करीब पांच बर्षो में तमाम ज्ञात वैध साधनों से कुल मिलाकर 62 लाख 51 हजार 929 रुपये की आय अर्जित की। साथ ही पारिवारिक भरण पोषण और परिसंपत्तियां अर्जित करने में कुल मिलाकर 1.46 करोड़ और 45 हजार 629 रुपये व्यय किए गए।
जांच में पता चला कि धर्मेंद्र सिंह की आय की तुलना में खर्च 83 लाख 93 हजार 700 रुपये ज्यादा है। आय की तुलना में 134.25 प्रतिशत अधिक संपत्ति जुटाई गई। इस संबंध में कोई साक्ष्य भी धर्मेंद्र सिंह की ओर से नहीं दिए गए। निरीक्षक अशोक शर्मा की ओर से मेडिकल थाने में पूर्व एसएचओ धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) बी और 13(2) के तहत एफआईआर दर्ज कराई गयी है।
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Source : IANS