जम्मू-कश्मीर: सेना के खिलाफ FIR, स्वामी ने कहा-बर्खास्त हो महबूबा सरकार
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सेना की गोली से पत्थरबाजों की मौत पर सियासत तेज होती जा रही है। दो पत्थरबाजों की मौत के बाद सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच ठनती नजर आ रही है।
highlights
- जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सेना की गोली से पत्थरबाजों की मौत के बाद सेना के खिलाफ FIR पर सियासत तेज
- सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के मामले को लेकर बीजेपी और पीडीपी के बीच ठनती नजर आ रही है
- बीजेपी सांसद ने इसे लेकर राज्य की महबूबा सरकार को बर्खास्त किए जाने की मांग की है
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सेना की गोली से पत्थरबाजों की मौत पर सियासत तेज होती जा रही है। दो पत्थरबाजों की मौत के बाद सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच ठनती नजर आ रही है।
राज्य में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन की सरकार है। पीडीपी ने जहां इस मामले को उसकी तार्किक परिणिति तक पहुंचाए जाने की बात कही है वहीं बीजेपी सेना के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लिए जाने की मांग कर रही है।
इस बीच बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर एफआईआर को वापस नहीं लिया जाता है, तो उनकी सरकार खतरे में पड़ जाएगी।
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स्वामी ने कहा, 'यह क्या बेवकूफाना हरकत है? इस सरकार को खारिज कर दो। महबूबा को बताएं कि अगर वह एफआईआर वापस नहीं लेती हैं तो उनकी सरकार संकट में पड़ जाएगी। हम आखिर इस सरकार को क्यूं चला रहे हैं? यह बात मुझे आज तक समझ में नहीं आई।'
वहीं मुफ्ती सार्वजनिक तौर पर कह चुकी हैं कि इस पूरे मामले को उसकी अंतिम कार्रवाई तक पहुंचाया जाएगा। जबकि बीजेपी सेना की गढ़वाल यूनिट के 10 सैनिकों के खिलाफ दर्ज हत्या और हत्या की कोशिश के मामले को वापस लेने का दबाव बना रही है।
अधिकारियों के मुताबिक इस एफआईआर में सेना के एक मेजर को भी आरोपी बनाया गया है। मुख्यमंत्री इस पूरे मामले की जांच का आदेश दे चुकी हैं। वहीं राज्य के पुलिस महानिदेशक एस पी वैद ने कहा कि शोपियां घटना में दर्ज एफआईआर जांच की महज शुरुआत है और इस दौरान सेना के पक्ष का भी ध्यान रखा जाएगा।
मुफ्ती ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि पुलिस की कार्रवाई से सेना के मनोबल पर कोई असर होगा। मुफ्ती ने इस पूरी घटना को राजनीतिक प्रक्रिया के लिए झटका बताते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से बात की थी। इस पूरे मुद्दे को लेकर राज्य विधानसभा में भारी हंगामा भी हो चुका है।
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