दिल्ली पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय को अवगत कराया है कि वर्ष 2020 के उत्तर प्रूर्वी दिल्ली के दंगों के सिलसिले में कुल 756 प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं और इनमें से 384 में जांच अभी लंबित है।
पुलिस ने कहा कि उत्तर-पूर्व जिला पुलिस द्वारा कुल 695 मामलों की जांच की जा रही है और हत्या जैसे 62 मामलों को अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया है। वरिष्ठ अधिकारी ऐसे तीन समर्पित विशेष जांच दलों की प्रगति पर नजर रखे हुए हैं।
न्यायालय को यह भी बताया गया कि राष्ट्रीय राजधानी में सांप्रदायिक दंगों के पीछे बड़ी साजिश से संबंधित एक मामले की जांच विशेष प्रकोष्ठ द्वारा की जा रही है।
दंगों के दौरान राजनीतिक नेताओं द्वारा कथित अभद्र भाषा के संबंध में अजय गौतम द्वारा दायर याचिकाओं के आलोक में दिल्ली पुलिस की ओर से यह हलफनामा दायर किया गया था।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने जमात उलमा-ए-हिंद के वकील के आरोप के बाद गुरूवार को दिल्ली पुलिस को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। जमात उलेमा -ए- हिन्द के वकील ने कहा था कि दिल्ली पुलिस की अंतिम स्थिति रिपोर्ट में कई जानकारियां नहीं दी गई थी।
फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम सीएए समर्थक प्रदर्शनकारियों और विरोधियों के बीच झड़पों ने हिंसक रूप ले लिया। उसी दौरान तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत की पहली यात्रा का कार्यक्रम भी था और उन दंगों में 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
-आईएएनएस
जेके
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Source : IANS