पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने का विचार नहीं, सही समय पर सोचेंगे: वित्त मंत्री

शराब पर टैक्स हो या फिर पेट्रोल डीज़ल पर वैट, इन दोनों पर सरकार जो टैक्स वसूल करती है राज्य के राजस्व यानी कामाई के मुख्य स्रोत हैं, जीएसटी काउंसिल राज्य सरकारों से मिलकर बना है.

author-image
Shailendra Kumar
New Update
CNG & PNG PRICE HIKE IN DELHI

पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने का विचार नहीं: वित्त मंत्री( Photo Credit : News Nation)

देश मे लगातार बढ़ रही पेट्रोल (Petrol) डीज़ल की कीमतों ने जहां देश मे हाहाकार मचा रखा है तो वहीं वित्तमंत्री निर्मलासीतारामन ने आज लोकसभा में साफ कर दिया कि पेट्रोल डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र और राज्यों की सरकार के लिए राजस्व का एक बड़ा हिस्सा इन उत्पादों पर लागू करों से आता है. कानून के तहत जीएसटी परिषद ही इसकी अनुशंसा कर सकती है और उसको ही अधिकार है लेकिन अभी इसपर कोई प्रस्ताव नहीं है.

Advertisment

समझिए राज्य सरकारें क्यों नहीं चाहती कि पेट्रोल डीज़ल की क़ीमत जीएसटी के दायरे में आए

शराब पर टैक्स हो या फिर पेट्रोल डीज़ल पर वैट, इन दोनों पर सरकार जो टैक्स वसूल करती है राज्य के राजस्व यानी कामाई के मुख्य स्रोत हैं, जीएसटी काउंसिल राज्य सरकारों से मिलकर बना है तो सीधे तौर पर इसका निर्णय राज्य को ही एक तरह से लेना है जो सम्भव नहीं लगता क्योंकि जुलाई 2017 में देश मे जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों के टैक्स कलेक्शन पर असर पड़ा जिसकी वजह से अब राज्यों को केंद्र पर निर्भर रहना पड़ता है 

लेकिन शराब और पेट्रोल - डीज़ल राज्यों के कमाई का 64 फ़ीसदी हिस्सा पूरा करते हैं इसलिए इसको बाहर रखा गया, बाकी राज्य केंद्र पर निर्भर हैं केंद्र सरकार को भी जो एक लीटर पेट्रोल डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी मिलती है उसमें से 45 फ़ीसदी हिस्सा राज्यों को जाता है यानी मान लीजिए केंद्र को एक लीटर पेट्रोल पर 30 रुपये एक्साइज ड्यूटी मिलती है तो उसमें से केंद्र राज्य को 30 रुपये में से 12 रुपये राज्य को देता है और 18 रुपये खुद अपने पास रखता है.

एक साल में हुआ दुगना टैक्स इसलिए पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें बेकाबू

लोकसभा में सरकार ने माना कि एक लीटर पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 33 रुपये और एक लीटर डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी 32 रुपये की सरकार कमाई कर रही है जो मई 2020 से बदस्तूर जारी है.

कब कब एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी की गई

केंद्रीय वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी संसद में जानकारी दी. पेट्रोल-डीज़ल पर केंद्र सरकार द्वारा वसूले जाने वाले एक्साइज,सेस और सरचार्ज की दी जानकारी.

  • 1 जनवरी-13 मार्च 2020 तक केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 19.98 रुपये और ब्राडेंड पेट्रोल पर 21.16 रुपये की वसूली
  • 1 जनवरी-13 मार्च 2020 तक डीजल पर 15.83 रुपये और ब्रांडेड डीजल पर 18.19 रुपये  
  • 14 मार्च-5 मई तक पेट्रोल पर 22.98 रुपये और ब्रांडेड पेट्रोल पर 24.16 रुपये
  • 14 मार्च-5 मई तक डीजल पर 18.83 रुपये और ब्रांडेड डीजल पर 21.19 रुपये 

6 मई से 31 दिसंबर 2020 तक पेट्रोल पर 32.98 रुपये और ब्रांडेड पेट्रोल पर 34.16 रुपये. डीजल पर 31.83 रुपये और ब्रांडेड डीजल पर 34.19 रुपये प्रति लीटर केंद्र सरकार वसूल रही है.

क्या अब पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें कम नहीं होंगी? क्या है 50:50 फॉर्मूला?

सूत्र बता रहे हैं पेट्रोल डीज़ल की बढ़ी क़ीमतों को कम करने के लिए सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है जो राज्यों से एक मुश्त रक़म वैट कम करने और उसी अनुपात में एक्साइज ड्यूटी घटाकर आम आदमी को राहत देने का प्लान बना रही है यानी अगर केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में 4 रुपये कम किये तो 4 रुपये राज्यों को वैट कम करना होगा जिससे पेट्रोल पर 8 रुपये तक कि कटौती संभव हो सकती है और डीज़ल पर भी 3 रुपये एक्साइज और 3 रुपये वैट कम होने से 6 रुपये तक कि कटौती डीज़ल पर हो सकती है जिससे आम आदमी को राहत दी जा सके.

 

HIGHLIGHTS

  • पेट्रोल, डीज़ल, गैस को जीएसटी में लाने का कोई प्रस्ताव नहीं
  • जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद इन्हें जीएसटी से बाहर रखा गया था
  • राज्यों की कमाई का मुख्य स्रोत - वित्तमंत्री
nirmala-sitharaman Finance Minister Nirmala Sitharaman fm-nirmala-sitharaman GST parliament diesel india petrol price Union Minister Nirmala Sitharaman diesel price
      
Advertisment