वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala sitharaman)ने रविवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर कहा कि इस कानून का मकसद लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाने का है. इस कानून से किसी की नागरिकता छीनी नहीं जाएगी. बल्कि यह नागरिकता देने का कानून है. चेन्नई में एक सभा को संबोधित करते हुए निर्मला सीतारमण ने यह बड़ा बयान दिया.
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की नेता निर्मला सीतारमण ने कहा, इस कानून का मकसद लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाना है. सरकार किसी भी व्यक्ति की नागरिकता छीन नहीं रही है बल्कि नागरिकता देने के लिए यह कदम उठाया गया है. पूर्वी पाकिस्तान से आए लोग अब भी विभिन्न शिविरों में रह रहे हैं. इस बात को अब 50-60 साल हो गए हैं. अगर आप उन शिविरों में जाएंगे तो आपको रोना आ जाएगा. श्रीलंका के शरणार्थियों की भी स्थिति वैसी ही है और वे शिविरों में रह रहे हैं. उन्हें बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल सकी हैं.
इसलिए यह संशोधन (नागरिकता संशोधन अधिनियम) लोगों को बेहतर जीवन प्रदान करने का एक प्रयास है. हम किसी की नागरिकता नहीं छीन रहे हैं, हम केवल उन्हें दे रहे हैं. चेन्नई में निर्मला ने यह बात कही.
इसके साथ ही मुसलमानों को नागरिकता देने को लेकर निर्मला ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के 566 मुसलमानों को 2014 तक भारतीय नागरिकता दी गई थी. 2016 से 2018 तक 391 अफ़गानी मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता दी गई थी .
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पिछले साल 2838 पाकिस्तानी शरणार्थियों, 914 अफ़गानी शरणार्थियों, 172 बांग्लादेशी शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी गई है. 1964 से 2008 तक 4,00,000 से अधिक तमिलों (श्रीलंका से) को भारतीय नागरिकता दी गई है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2016 में भी इसी अवधि के दौरान, अदनान सामी को भारतीय नागरिकता दी गई थी, यह एक उदाहरण है. तस्लीमा नसरीन को नागरिकता देना एक और उदाहरण है.