logo-image

Budget 2024: वित्त मंत्री ने की मालदीव की सहायता राशि में कटौती, लक्षद्वीप को किया जाएगा डेवलप

भारत सरकार की ओर से मालदीव को हर साल आर्थिक मदद दी जाती है. इसका फायदा मालदीव के लोगों को होता है.

Updated on: 02 Feb 2024, 05:45 AM

नई दिल्ली :

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश कर दिया. वर्तमान की मोदी सरकार का ये अंतिम बजट है. इस साल लोकसभा चु्नाव होने वाले हैं. इस अंतरिम बजट में वित्त मंत्री की ओर से कई ऐलान किए गए. इसमें तीन सौ यूनिट तक बिजली फ्री देने की बात की गई. इसके साथ ही महिला सशक्तिकरण की ओर भी ध्यान दिया गया. लेकिन इस बजट ने लोगों का ध्यान एक और ऐलान ने खींचा. केंद्रीय मंत्री ने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाने की बात की. इसमे लक्षद्वीप को लेकर बड़ा ऐलान किया गया. 

मालदीव को 600 करोड़

भारत सरकार की ओर से मालदीव को हर साल आर्थिक मदद दी जाती है. इसका फायदा मालदीव के लोगों को होता है. लेकिन इस अंतरिम बजट में वित्त मंत्री सीतारमण की ओर से कटौती करने की बात कही गई है. भारत सरकार अगले वित्त वर्ष में मालदीव के डेवलपमेंट के लिए 600 करोड़ रुपए खर्च करेगी. आपको बता दें कि ये सहायता राशि पिछले साल के मुकाबले 22 प्रतिशत कम है. आपको बता दें कि मालदीव को दूसरे देशों से मिलने वाले आर्थिक मदद के मामले पर भारत तीसरे नंबर पर है.

जानकारी के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की ओर से मालदीव को 770.90 करोड़ की सहायता राशि दी गई थी. वहीं वित्त वर्ष 2022-23 की बात करें तो मालदीव को 183.16 करोड़ रुपए दिए गए थें. यानी इस साल पिछले साल की अपेक्षा करीब 3 गुना रकम प्रदान की गई. जानकारी के अनुसार शुरुआत में मालदीव को 400 करोड़ दिया गया था लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 770.9 करोड़ कर दिया गया था. 

लक्षद्वीप को डेवलप किया जाएगा

वित्त मंत्री ने इसके साथ ही लक्षद्वीप में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कदम उठाने का ऐलान किया. बजट में जानकारी देते हुए कहा कि लक्षद्वीप और इसके आसपास के द्वीपों को टूरिस्ट पलेस के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके लिए वहां बुनियादी ढ़ाचा तैयार किया जाएगा. 

पीएम मोदी का लक्षद्वीप दौरा

आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले लक्षद्वीप का दौरा किया था. जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. इसके बाद मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के खिलाफ अभ्रद टिप्पणी की थी. जिसके बाद भारत सरकार की ओर से मालदीव के सामने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई गई थी.