वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, केंद्र शासित प्रदेश और राज्य के जीएसटी कानून को मिली मंजूरी

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद की गुरुवार की बैठक में बाकी बचे दो मसौदा कानूनों यूटीजीएसटी (केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी) और एसजीएसटी को मंजूरी दे दी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद की गुरुवार की बैठक में बाकी बचे दो मसौदा कानूनों यूटीजीएसटी (केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी) और एसजीएसटी को मंजूरी दे दी।

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Jeevan Prakash
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, केंद्र शासित प्रदेश और राज्य के जीएसटी कानून को मिली मंजूरी

जीएसटी काउंसिल की बैठक में अरुण जेटली

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की गुरुवार की बैठक में बाकी बचे दो मसौदा कानूनों यूटीजीएसटी (केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी) तथा एसजीएसटी (राज्य जीएसटी) को मंजूरी दे दी।

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इसके साथ ही जीएसटी के सभी पांच मसौदा कानूनों को परिषद की मंजूरी मिल गई है। अब 1 जुलाई से इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को लागू करने का रास्ता साफ हो गया है।

जीएसटी परिषद के अध्यक्ष वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहां संवाददाताओं को बताया, 'परिषद की 12वीं बैठक में आज (गुरुवार को) यूटीजीएसटी और एसजीएसटी को मंजूरी प्रदान कर दी गई। पिछली बैठक में परिषद ने सीजीएसटी (केंद्रीय जीएसटी), आईजीएसटी (एकीकृत जीएसटी) और मुआवजा मसौदा को मंजूरी दी थी।'

जेटली ने कहा कि अंतिम मंजूरी के साथ ही जीएसटी को 1 जुलाई से लागू कर दिया जाएगा।

अब जीएसटी के चारो मसौदा कानूनों, मुआवजा, यूटीजीएसटी, सीजीएसटी और आईजीएसटी को मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद उसे संसद में चल रहे बजट सत्र में पेश किया जाएगा।

यूटीजीएसटी मसौदा कानून केंद्रशासित प्रदेशों अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दमन एवं दीव तथा दादरा एवं नगर हवेली के लिए है, जहां विधानसभा नहीं है।

नए अप्रत्यक्ष कर शासन में नौ सेट नियम व अधिनियम है। इनमें से परिषद ने पहले ही पांच नियमों को मंजूरी दे दी है, जिसमें पंजीकरण, भुगतान, धनवापसी, चालान और रिटर्न शामिल हैं।

जेटली ने कहा, 'चार अन्य नियमों संरचना, मूल्यांकन, इनपुट टैक्स क्रेडिट ट्रांजिशन को परिषद की औपचारिक अनुमोदन की आवश्यकता है।' जेटली ने कहा कि परिषद अगली बैठक 31 मार्च को होगी।

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उन्होंने कहा कि 31 मार्च के बाद परिषद जीएसटी कर स्लैब में विभिन्न वस्तुओं के कर का निर्धारण करेगी। कर की दरें 5 फीसदी, 12 फीसदी, 15 फीसदी और 28 फीसदी रखी गई हैं।

अधिकारियों ने पहले से ही इन करों के अंतगर्त रखी जानी वाली वस्तुओं और सेवाओं की सूची पर काम शुरू कर दिया है, जिसे परिषद के समक्ष चर्चा और स्वीकृति के लिए रखा जाएगा।

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Source : IANS

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