वित्तमंत्री अरुण जेटली की ओर से संसद में पेश किया जाने वाला मौजूदा सरकार का अंतिम पूर्ण बजट शायद पहले चार बजट से अलग होगा, क्योंकि इसपर पिछले साल लागू की गई जीएसटी प्रणाली का असर रहेगा।
संसद का बजट सत्र सोमवार को शुरू हो रहा है। अगले साल 2019 की पहली छमाही में ही आम चुनाव है। इस लिहाज से बीजेपी की मौजूदा सरकार के लिए यह अंतिम पूर्ण बजट है। आमतौर पर बजट के दो घटक होते हैं।
पहले भाग में वित्त वर्ष में लागू होने वाली नई योजनाओं और मौजूदा विविध योजनाओं व क्षेत्रों पर होने वाले खर्च और दूसरे भाग में प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष टैक्स की घोषणाएं शामिल होती हैं।
आजादी के बाद भारत के मध्यवर्ग का एक सपना था कि देश में एकल कर (एक टैक्स) प्रणाली हो। इस सपने को साकार करते हुए केंद्र सरकार ने पिछले साल अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में व्यापक बदलाव करते हुए अनेक प्रकार के केंद्रीय व राज्य करों के बदले एकल कर प्रणाली जीएसटी व्यवस्था लागू की।
और पढ़ें: आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत का बड़ा बयान, AFSPA पर पुनर्विचार का अभी सही समय नहीं
इस बजट में सरकार को अब तक जीएसटी के दायरे से बाहर रहे मदों को इसमें शामिल करने की आवश्यकता होगी। मसलन, पेट्रोलियम उत्पाद अब तक जीएसटी के दायरे से बाहर हैं।
इस प्रकार आम बजट 2018-19 में ऐसे उत्पादों पर सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क में बदलाव किया जा सकता है।
आयकर और निगमकर में भी जेटली ने करदाताओं को राहत देने के संकेत दिए हैं, जैसा कि उन्होंने कहा है कि कर आधार में विस्तार किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस के मौके पर जेटली ने कहा था, 'आयकर में आधार को बड़ा बना गया है, क्योंकि इसमें विस्तार करना ही था। इस तरह कुछ चुनिंदा समूहों से ज्यादा कर वसूल करने की परंपरा में बदलाव लाया गया है।'
चालू वित्त वर्ष के दौरान देश में 15 जनवरी, 2018 तक प्रत्यक्ष कर संग्रह में पिछले वर्ष के मुकाबले 18.7 फीसदी का इजाफा हुआ है।
और पढ़ें: कासगंज हिंसा: आरोपी के घर से मिले देसी बम और पिस्तौल, तनावपूर्ण इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद
जाहिर है कि 2019 में आम चुनाव होना है, इसलिए अगले साल सरकार पूर्ण बजट नहीं पेश कर पाएगी और इसके बदले लेखानुदान पेश किया जाएगा, जिसमें सिर्फ खर्च के मद शामिल होते हैं। लेखानुदान में नई योजनाएं और कराधान में बदलाव नहीं पेश किए जाते हैं।
इसके अलावा, कई राज्यों में इस साल विधानसभा चुनाव हैं। जानकारों का मानना है कि बजट में कृषि क्षेत्र को ज्यादा तवज्जो दिया जाएगा, क्योंकि कृषि विकास के आकड़ों में गिरावट आई है और इस क्षेत्र की हालत चिंताजनक है।
और पढ़ें: 'पद्मावत' देखने के बाद दीपिका के माता-पिता ने किया वीडियो कॉल, कही ये बढ़ी बात
HIGHLIGHTS
- मौजूदा सरकार का अंतिम पूर्ण बजट पहले चार बजट से होगा अलग
- बजट में जीएसटी के दायरे से बाहर रहे मदों को शामिल करने की आवश्यकता
- पेट्रोलियम उत्पाद अब तक जीएसटी के दायरे से बाहर
Source : IANS