logo-image

गोवा के आर्चबिशप ने मोदी सरकार से CAA वापस लेने को कहा, बीजेपी ने दी नसीहत

आर्चबिशप फादर फिलिप नेरी फेराओ ने केंद्र सरकार से तत्काल एवं बिना किसी शर्त संशोधित नागरिकता कानून (CAA) वापस लेने और असहमति जताने के अधिकार को दबाना बंद करने की अपील की है.

Updated on: 10 Feb 2020, 10:52 AM

highlights

  • आर्चबिशप फादर फिलिप नेरी फेराओ ने केंद्र सरकार से CAA वापस लेने को कहा.
  • बीजेपी महासचिव ने ट्वीट कर दी नसीहत. अन्य नेता भी आए सामने.

गोवा गिरजाघर की एक शाखा सोसाइटी फॉर सोशल कम्युनिकेशंस मीडिया की है अपील.

पणजी:

गोवा और दमन (Goa) के आर्चबिशप फादर फिलिप नेरी फेराओ ने केंद्र सरकार से तत्काल एवं बिना किसी शर्त संशोधित नागरिकता कानून (CAA) वापस लेने और असहमति जताने के अधिकार को दबाना बंद करने की अपील की है. आर्चबिशप ने सरकार से राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण (NPR) को देशभर में लागू ना करने की अपील भी की है. हालांकि गोवा भाजपा के महासचिव नरेंद्र सवाइकर ने पूछा कि आर्चबिशप सीएए का विरोध क्यों कर रहे हैं जबकि गोवावासी सहित करोड़ों लोग नए कानून का समर्थन कर रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः BJP का विरोध करने का मतलब हिंदुओं के खिलाफ होना नहीं: भैय्याजी जोशी

चर्च से जारी हुई अपील
गोवा गिरजाघर की एक शाखा सोसाइटी फॉर सोशल कम्युनिकेशंस मीडिया ने शनिवार को एक बयान में कहा, आर्चबिशप और गोवा का कैथोलिक समुदाय सरकार से भारत के लाखों लोगों की आवाज सुनने, असहमति जाहिर करने के अधिकार को ना दबाने और इन सबसे अधिक संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को वापस लेने और एनआरसी एवं एनपीआर को लागू ना करने की अपील करता है. गिरजाघर ने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण हैं और यह निश्चित तौर पर हमारे जैसे बहु-सांस्कृतिक लोकतंत्र पर नकारात्मक और हानिकारक प्रभाव डालेगा.

यह भी पढ़ेंः असदुद्दीन ओवैसी ने दी मोदी-शाह को चुनौती, बोले- मार दिल पे गोली

बीजेपी ने उठाया सवाल
इस पर दक्षिण गोवा से लोकसभा के पूर्व सदस्य सवाइकर ने ट्वीट किया, 'आर्चबिशप का कहना है कि सीएए को वापस ले लेना चाहिए क्योंकि उसकी आलोचना की जा रही है. मेरा सवाल है क्यों? जब गोवा के लोगों सहित करोड़ों सीएए का समर्थन कर रहे हैं.' भाजपा विधायक और राज्य के परिवहन मंत्री मुवीन गोडिन्हो कहा कि गिरजाघर को ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए जो सांप्रदायिक आधार पर विरोध करता हो. उन्होंने कहा, 'मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं, किसी भी धर्म को किसी राज्य के देश के शासन में हस्तक्षेप करने या टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है जो सांप्रदायिक आधार पर विरोध करता हो.

यह भी पढ़ेंः राजधानी पटना में बम ब्लास्ट, पूरे इलाके में मची अफरा तफरी, पुलिस मौके पर

आर्चबिशप को दी नसीहत
सवाइकर ने कहा कि उन्हें परोक्ष से भी सांप्रदायिक दबाव डालते हुए नहीं दिखना चाहिए. उन्हें ऐसा करते हुए नहीं दिखना चाहिए जो गलत है. गोडिन्हो ने कहा, 'इसके पीछे का मकसद अच्छा हो सकता है लेकिन इसे (बयान को) मैं गलत देखता हूं. जो गलत है वह गलत है.' गोवा विधानसभा ने कानून बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का शुक्रिया अदा करने के लिए हाल ही में एक धन्यवाद प्रस्ताव भी पारित किया था.