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खत्म हुआ सालों का इंतजार, अंबाला पहुंचे गेमचेंजर राफेल

आखिरकार सालों का इंतजार खत्म हो गया है और एयरफोर्स का गेमचेंजर राफेल अंबाला में लैंड हो गया है. भारत की सरजमीन पर उतरते ही पानी की बौछारों के साथ इनका स्वागत हुआ.

Updated on: 29 Jul 2020, 04:21 PM

नई दिल्ली:

आखिरकार सालों का इंतजार खत्म हो गया है और एयरफोर्स का गेमचेंजर राफेल अंबाला में लैंड हो गया है. भारत की सरजमीन पर उतरते ही  पानी की बौछारों के साथ इनका स्वागत हुआ. पांच राफेल विमानों के साथ  दो सुखोई-30 विमान भी मौजूद थे. भारतीय सीमा में प्रवेश करते ही सुखोई- 30 विमान इनके पीछे ही मौजूद रहे. फ्रांस से करीब 7000 किमी की यात्रा पूरी कर 5 राफेल विमान अंबाला पहुंचे हैं. इस खास मौके पर वायु सेनाध्यक्ष आरकेएस भदौरिया भी मौजूद रहे. सुबह करीब 11.15 बजे इन विमानों ने यूएई के अल दफरा एयरबेस से उड़ान भरी थी. इसके बाद यह मुंबई एयरस्पेस के रास्ते अंबाला पहुंचे. अंबाला में कड़ी सुरक्षा के बीच इन विमानों की लैंडिग कराई गई. भारत के लिए गेमचेंजर साबित होने वाले ये विमान कई लिहाज से खास हैं.

राफेल के अचूक निशाने से दुश्मन किसी तरह नहीं बच सकता. अगर बिना पे लोड की बात करें तो राफेल का वजन 10 टन है. वहीं अगर यह मिसाइल्स के साथ उड़ान भरता है तो इसका वजन 25 टन तक हो जाता है. कई मालवाहन एयरफोर्स के विमानों का भी इतना वजन नहीं होता है.

राफेल अपने साथ काफी मिसाइल्स कैरी कर उड़ान भर सकता है. राफेल स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस है. यानी यह दुश्मन के रडार को चकमा देने के ताकत रखता है. साथ ही इसे इस हिसाब से डिजाइन किया गया है कि यह हिमालय के उपर भी उड़ान भर सकता है. बता दें कि हिमालय के उपर उड़ान भरने की काबिलियत अच्छे-अच्छे लड़ाकू विमानों में नहीं होती है.

ये हैं राफेल की खासियत

- अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा और 3700 किमी. तक मारक क्षमता

- 24,500 किलो उठाकर ले जाने में सक्षम और 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान की गारंटी

- 150 किमी की बियोंड विज़ुअल रेंज मिसाइल, हवा से जमीन पर मार वाली स्कैल्प मिसाइल

- यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है, जो भारतीय वायुसेना की पहली पसंद है. हर तरह के मिशन में भेजा जा सकता।

- स्कैल्प मिसाइल की रेंज 300 किमी, हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की गारंटी

- अत्याधुनिक हथियारों से लैस होगा राफेल, प्लेन के साथ मेटेअर मिसाइल भी है

- 1 मिनट में 60,000 फ़ुट की ऊंचाई और 4.5 जेनरेशन के ट्विन इंजन से लैस

- 75% विमान हमेशा ऑपरेशन के लिए तैयार हैं, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है

- अफगानिस्तान और लीबिया में अपनी ताकत का प्रदर्शन कर चुका है

- भारतीय वायुसेना के हिसाब से फेरबदल किए गए हैं