महिला और बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी चाहती हैं कि जाति सर्टीफिकेट जारी करने में अकेली महिला या तलाकशुदा महिला को अपने पति यानी कि बच्चे के पिता का नाम देने की अनिवार्यता खत्म की जाए।
मेनका गांधी ने यह कदम तब उठाया है जब मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपील की थी कि किसी भी छात्र के डिग्री सर्टीफिकेट में पिता का नाम देने की अनिवार्यता को खत्म किया जाए।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को लिखे पत्र में मेनका गांधी ने कहा है कि उनके पास कई ऐसी महिलाएं आईं जिन्होंने गुहार लगाया कि पति का नाम न दे पाने के कारण उनके बच्चों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है।
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मेनका गांधी ने कहा कि आज के जमाने में टूटी हुई शादियां और पति-पत्नी में अलगाव को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे माता पिता के बच्चों को उनका हक नहीं मिल पाता।
शादियां टूटने के बाद न सिर्फ बच्चों को बल्कि ऐसे महिलाओं को भी उनका हक नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि अब उनका मंत्रालय इन्हीं कानूनी अड़चनों को दूर करने के लिए काम कर रहा है।
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Source : News Nation Bureau