रांची में दिल्ली पब्लिक स्कूल के एक स्टूडेंट को गाड़ी से कुचलवा कर मार डालने का आरोप उसके पिता, चाचा, चाची और दादा पर है। झारखंड पुलिस और सीआईडी ने मामले की फाइल बंद कर दी और अब इसकी जांच सीबीआई कर रही है। शनिवार को सीबीआई की टीम ने रांची के अरगोड़ा में उस सड़क पर क्राइम सीन रि-क्रिएट किया, जहां अंतरीक्ष शनिग्रही नामक स्टूडेंट की मौत हुई थी। सीबीआई ने क्राइम सीन की वीडियोग्राफी कराई और यह पता लगाने की कोशिश की कि उसकी मौत किन परिस्थितियों में हुई थी। सीबीआई की यह जांच झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर हो रही है।
घटना लगभग छह साल पुरानी है। साल 2016 और तारीख थी 25 जुलाई। रात लगभग सवा आठ बजे रांची के अरगोड़ा चौक से बिरसा चौक की ओर जानेवाली सड़क पर अंतरीक्ष शनिग्रही बुरी तरह जख्मी हालत में पाया गया था। वह मोटरसाइकिल पर था और उसे किसी गाड़ी ने टक्कर मारी थी। अंतरीक्ष को हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया। दो दिन बाद यानी27 जुलाई कोउसने दम तोड़ दिया। अरगोड़ा थाने की पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए शुरूआत से ही इसे दुर्घटना का मामला माना, लेकिन अंतरीक्ष की मां रूपाली महंती इसे हत्या बताती रहीं और इसका आरोप अपने पति यानी अंतरीक्ष के पापा शुभाशीष शनिग्रही, चाचा देवाशीष शनिग्रही, चाची झरना शनिग्रही और दादा सुजॉय शनिग्रही पर लगाती रहीं। अंतरीक्ष की मां के आरोपों पर पुलिस ने खास तवज्जो नहीं दिया औरजांच के बाद यह निष्कर्ष दिया कि उसकी मौत दुर्घटना में हुई। दुर्घटना कैसे हुई या अंतरीक्ष को किसने टक्कर मारी, पुलिस यह पता नहीं कर पाई। इसके साथ ही फाइल क्लोज कर दी गई।
दूसरी तरफ अंतरीक्ष की मां रूपाली महंती ने घटना की जांच के लिए कोर्ट में कंप्लेन केस दायर किया। वह झारखंड के तत्कालीन सीएम रघुवर दास की ओर से जनशिकायतों पर की जानेवाली सुनवाई में भी मामला लेकर गईं। शिकायत के मुताबिक अंतरीक्ष की मां रूपाली और पिता शुभाशीष आपसी मतभेदों की वजह से अलग हो गये थे। अंतरीक्ष अपनी मां के साथ रहता था और रांची के डीपीएस में पढ़ता था। रूपाली की शिकायत है कि अंतरीक्ष अपनी पढ़ाई के लिए पिता से खर्च मांगता था और इस बात को लेकर वह और उनके घर के लोग नाराज रहते थे। रूपाली की शिकायत यह भी है कि उसकी हत्या पिता, चाचा, दादा आदि ने गाड़ी से कुचलवा कर इस वजह से करवा दी कि वह पैतृक संपत्ति में दावेदार न बने।
तत्कालीन सीएम ने इस शिकायत की सीआईडी जांच का आदेश दिया। 28 मार्च 2018 को सीआईडी ने जांच शुरू की। सीआईडी एसपी पी मुरूगन की निगरानी में करीब डेढ़ साल तक जांच चली। अंतरीक्ष की मां ने अपने पति सहित जिन परिजनों पर हत्या का आरोप लगाया था, उनके खिलाफ सीआईडी को कोई भी साक्ष्य या गवाह नहीं मिला। सीआईडी के तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता ने इस मामले की जांच जांच सीबीआई से करवाने की अनुशंसा की थी। अंतरीक्ष की मां ने भी इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकारी और सीबीआई जांच का आदेश दिया। इसके बाद सीबीआई पटना ने इसे लेकर जो केस दर्ज किया है, उसमें अंतरिक्ष के पिता, चाचा, चाची और दादा को आरोपी बनाया गया है। यह केस अंतरिक्ष की मां और उसके नाना की शिकायत के आधार पर दर्ज हुआ है। बहरहाल, पुलिस और सीआईडी जांच में जिस मामले की फाइल क्लोज की जा चुकी है, उसमें सीबीआई जांच का नतीजा कब तक और क्या आता है, इसपर सबकी निगाहें हैं।
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Source : IANS