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भारतीय सुपरकम्पुटिंग के जनक विजय पांडुरंग बने नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति

पुणे के तकनीकी विशेषज्ञ विजय पांडुरंग भाटकर को बिहार के राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया है।

Updated on: 28 Jan 2017, 08:11 PM

नई दिल्ली:

भारतीय सुपरकम्प्युटिंग के जनक माने जाने वाले पुणे के तकनीकी विशेषज्ञ विजय पांडुरंग भाटकर को बिहार के राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया है।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनकी नियुक्ति की मंजूरी पर मुहर लगा दी है। पांडुरंग अगले तीन साल के लिए इस पद पर बने रहेंगे। 70 वर्षीय भाटकर गोपा सभरवाल के स्थान पर नियुक्त हुए हैं। गोपा ने पिछले साल 24 नवंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित पांडुरंग भाटकर ने आईआईटी दिल्ली, सर विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नागपुर और एमएस यूनिवर्सिटी वडोदरा से शिक्षा ग्रहण की थी।

वह 1988 में पुणे स्थित सेंटर ऑफ डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सी-डैक) में सुपरकम्पयूटर बनाने की योजना का नेतृत्व कर चुके हैं। इसके तहत देश के पहले स्वदेशी सुपरकम्प्यूटर परम 8,000 और परम 10,000 का निर्माण किया गया था। 

भाटकर केंद्रीय मंत्रिमंडल की वैज्ञानिक सलाहकार समिति और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के संचालक मंडल के सदस्य भी रह चुके हैं।

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