फारूक ने कश्मीर में नागरिक हत्याओं पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल से की बातचीत

फारूक ने कश्मीर में नागरिक हत्याओं पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल से की बातचीत

फारूक ने कश्मीर में नागरिक हत्याओं पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल से की बातचीत

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IANS
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Farooq peak

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को राज्यपाल मनोज सिन्हा को फोन कर कश्मीर में नागरिकों की हत्याओं की निष्पक्ष जांच की मांग की।

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नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक बयान में कहा गया है कि फारूक अब्दुल्ला ने एलजी मनोज सिन्हा से बात की है और नागरिक हत्याओं की निष्पक्ष जांच की मांग दोहराई है।

बयान में कहा गया है, उन्होंने शवों को उनके परिजनों को सौंपने में एलजी के हस्तक्षेप की भी मांग की। एलजी ने पीड़ित परिवारों की मांगों पर गौर करने का आश्वासन दिया है।

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि श्रीनगर के हैदरपोरा में मंगलवार को एक मुठभेड़ में मारे गए दो व्यक्ति आम नागरिक हैं।

ट्वीट्स की एक श्रृंखला में उमर ने पूछा कि अल्ताफ और गुल को आतंकवादी कैसे कहा जा सकता है? उन्होंने कहा कि शवों को परिवारों को वापस किया जाना चाहिए, ताकि उन्हें दफनाया जा सके।

बुधवार को श्रीनगर के हैदरपोरा में मुठभेड़ में मारे गए अल्ताफ अहमद और मुदस्सिर गुल के परिवार के सदस्यों ने श्रीनगर की प्रेस कॉलोनी में विरोध प्रदर्शन किया।

उन्होंने कहा कि अल्ताफ अहमद और मुदस्सिर गुल की आतंकवाद में कोई संलिप्तता नहीं थी। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि उनके शव उन्हें लौटाए जाएं।

पुलिस ने कहा कि हैदरपोरा में मुठभेड़ में चार लोग मारे गए, जिसमें एक विदेशी आतंकवादी के तौर पर पहचाना गया हैदर और उसका साथी शामिल है।

पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुठभेड़ के दौरान आतंकवादियों का एक ओवरग्राउंड वर्कर मुदस्सिर गुल और मकान मालिक अल्ताफ अहमद मारा गया। उन्होंने कहा कि दोनों तरफ से जारी गोलीबारी में मकान मालिक की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि किराए पर रहने वाले गुल ने हैदर और उसके सहयोगी को आश्रय दिया था।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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