फारुक अब्दुल्ला का छलका दर्द, कहा-अपराधी नहीं हूं यह सलूक ठीक नहीं

'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे एक पत्र भी समय पर नहीं मिल सका. यह कोई तरीका नहीं है किसी सांसद या राजनीतिक पार्टी के नेता के साथ पेश आने का. हम लोग कोई अपराधी नहीं हैं.'

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Nihar Saxena
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फारुक अब्दुल्ला ने अपनी नजरबंदी को बताया दुर्भाग्यपूर्ण.( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

श्रीनगर में नजरबंद नेशनल कांफ्रेस नेता फारुक अब्दुल्ला ने अपनी नजरबंदी पर कांग्रेसी नेता शशि थरूर को एक जवाबी खुला पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने अपनी हिरासत को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा है कि वह कोई अपराधी नहीं हैं. फारुख अब्दुल्ला ने यह पत्र शशि थरूर के लिखे पत्र के जवाब में लिखा है. फारुक अब्दुल्ला का यह भी कहना है कि उन्हें शशि थरूर का अक्टूबर में लिखा पत्र अब जाकर मिला है. इसके पीछे उस मजिस्ट्रेट का हाथ है, जो उनकी हिरासत का जिम्मेदार है.

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अक्टूबर में लिखा था शशि ने पत्र
इस पत्र में फारुक अब्दुल्ला ने शशि थरूर को धन्यवाद देते हुए कहा है, 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे एक पत्र भी समय पर नहीं मिल सका. यह कोई तरीका नहीं है किसी सांसद या राजनीतिक पार्टी के नेता के साथ पेश आने का. हम लोग कोई अपराधी नहीं हैं.' शशि थरूर ने अपने ब्लॉग पर पत्र शेयर करते हुए लिखा है कि फारुक अब्दुल्ला को संसद के सत्र में भाग लेने की अनुमति मिलनी चाहिए. लोकतत्र के लिए यह बहुत जरूरी है.

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फारुक की रिहाई की उठ रही है मांग
शशि थरूर ने अपने पत्र में लिखा है, 'संसद के सदस्य को संसदीय सत्र में भाग लेने की अनुमति मिलनी ही चाहिए. यह उनका संसदीय अधिकार है. अन्यथा हिरासत में लेने के अधिकार के बलबूते विपक्ष की आवाज दबाने का मौका सरकार को मिलता रहेगा. संसद की कार्रवाई में भाग लेना लोकतंत्र के लिए जरूरी है.' गौरतलब है कि फारुक अब्दुल्ला की रिहाई को लेकर डीएमके सांसदों ने संसद में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष 29 नवंबर को विरोध प्रदर्शन किया था. इसके साथ ही कनिमोई ने लोकसभा सत्र में भी फारुक अब्दुल्ला की हिरासत का मुद्दा उठाते हुए उसे लोकतंत्र के विरुद्ध करार दिया था.

HIGHLIGHTS

  • शशि थरूर को लिखे पत्र में फारुक अब्दुल्ला ने बयान किया अपना दर्द.
  • अक्टूबर में लिखे पत्र को अब कहीं मिलने पर जताया असंतोष.
  • शशि ने फारुक अब्दुल्ला की रिहाई पर सवाल खड़ा किया था.

Source : News Nation Bureau

Arrest not Criminals Shashi Tharoor Letter Farooq abdullah
      
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