जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के फैसले से नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने मंगलवार को नाराजगी जताते हुए सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, अनुच्छेद 370 (Article 370) पर मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ हम कोर्ट जाएंगे. हम पत्थरबाज या ग्रेनेड फेंकने वाले नहीं हैं. ये हमारी हत्या करना चाहते हैं. हम शांति में विश्वास रखते हैं और हम अपनी लड़ाई शांति से लड़ेंगे.
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नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, मैं अपनी मर्जी से घर में क्यों रहूंगा, जबकि मेरा राज्य जल रहा है. लोगों को जेल में डाला जा रहा है. यह वह भारत नहीं है, जिसमें मैं विश्वास करता हूं. मेरा बेटा उमर अब्दुल्ला बहुत पीड़ा में है. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर भी हमला बोला.
Farooq Abdullah: As soon as the gate will open & our people will be out, we will fight, we'll go to the court. We're not gun-runners, grenade-throwers, stone-throwers, we believe in peaceful resolutions. They want to murder us. My son (Omar Abdullah) is in jail https://t.co/Dxz4MGGOiX
— ANI (@ANI) August 6, 2019
उन्होंने कहा, मुझे बहुत दुख होता है जब गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं कि फारूक अब्दुल्ला हिरासत में नहीं हैं और वह अपनी मर्जी से अपने घर में हैं. यह सच नहीं है. कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35ए भारत सरकार की ओर से गारंटी थे. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे अपने घर में कैद कर दिया गया है. 70 साल से हम लड़ाई लड़ रहे हैं और आज हमें दोषी ठहरा दिया गया.
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बता दें कि इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला न तो हिरासत में हैं और न ही उन्हें गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की जब एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि अब्दुल्ला उनके बराबर में बैठते हैं. वह आज सदन में मौजूद नहीं हैं. उनकी आवाज सुनी नहीं जा रही है.
इस पर अमित शाह ने कहा, वह न तो हिरासत में हैं और ही गिरफ्तार किए गए हैं. वह अपनी मर्जी से घर में हैं. जब सुप्रिया ने कहा कि क्या अब्दुल्ला अस्वस्थ हैं तो अमित शाह ने कहा कि यह तो डॉक्टरों के ऊपर है. मैं इलाज तो नहीं कर सकता हूं. सब डॉक्टरों के हाथ में है. लोकसभा में आर्टिकल 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने पर जमकर बहस हुई.