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VIDEO: 7 महीने की नजरबंदी से आजाद हुए फारुख अब्दुल्ला, कहा- संसद में लोगों के लिए उठाउंगा आवाज

पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को केंद्र सरकार की नजरबंदी से मुक्त कर दिया गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद फारुक अब्दुल्ला लगभग 7 महीनों की नजरबंदी से रिहा किए गए हैं.

Updated on: 13 Mar 2020, 07:22 PM

नई दिल्ली:

 जम्‍मू-कश्मीर सरकार (Jammu and Kashmir Govt) के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्‍दुल्‍ला (Farroq Abdulla)  को केंद्र सरकार की नजरबंदी से मुक्त कर दिया गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद फारुक अब्दुल्ला लगभग 7 महीनों की नजरबंदी से रिहा किए गए हैं. शुक्रवार को रिहाई के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने अपनी रिहाई पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि, मैं राज्य के लोगों और बाकी नेताओं और देश के बाकी हिस्सों के लोगों का आभारी हूं, जिन्होंने हमारी आजादी के लिए बात की. यह आजादी तब पूरी होगी जब जम्मू-कश्मीर के नजरबंद किए गए सभी नेता रिहा होंगे. मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार जल्दी ही सभी नेताओं को रिहा करने की कार्रवाई करेगी. 

आपको बता दें कि इसके पहले शुक्रवार की सुबह जम्‍मू-कश्मीर सरकार की ओर से ये बड़ा आदेश जारी किया गया था, जिसमें फारुख अब्‍दुल्‍ला की नजरबंदी हटाने का फैसला किया गया. फारुख अब्‍दुल्‍ला पिछले साल 15 सितंबर से नजरबंद थे. पिछले साल 5 अगस्‍त को राज्‍य में अनुच्‍छेद 370 की समाप्‍ति का ऐलान किया गया था. फारुख अब्‍दुल्‍ला के साथ  उमर अब्‍दुल्‍ला (Omar Abdulla) और  महबूबा मुफती (Mehbooba Mufti) को भी नजरबंद किया गया था. नजरबंदी की सीमा समाप्‍त होने के बाद इन्‍हें जनसुरक्षा कानून के तहत पाबंद कर दिया गया था.

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राजनाथ सिंह ने तीनों मुख्यमंत्रियों की रिहाई के लिए की थी प्रार्थना
पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को हिरासत में रखे जाने को लेकर कहा था, इनकी रिहाई के लिए वे खुद प्रार्थना कर रहे हैं. राजनाथ सिंह का कहना था कि रिहा होने के बाद तीनों पूर्व सीएम, कश्मीर के हालात को सामान्य बनाने और विकास करने में योगदान देंगे. करीब 7 महीने बाद सरकार ने उनकी नजरबंदी को खत्म किया है. पिछले साल 15 सितंबर को पब्लिक सेफ्टी एक्ट का केस दर्ज किया था. फिर उन्हें तीन माह के लिए नजरबंद किया गया था. 15 दिसंबर को तीन माह की मियाद खत्म होने वाली थी, तभी 13 दिसंबर को नजरबंदी 3 महीने के लिए बढ़ा दी गई थी. अब उनकी नजरबंदी को खत्म करने का फैसला किया गया है.

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उमर, महबूबा और फैसल पर अभी फैसला नहीं
फारूक अब्दुल्ला तो रिहा हो रहे हैं, लेकिन उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और आईएएस अफसर से नेता बने शाह फैसल पर सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है. इन नेताओं पर भी पीएसए के तहत केस दर्ज किया गया था. अभी उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, शाह फैसल समेत कई नेता हिरासत में हैं. कुछ दिन पहले गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया था कि हिरासत में लिए गए कुल 451 में से 396 लोगों को पीएसए के तहत हिरासत में रखा गया है. इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला भी शामिल हैं. इसमें से फारूक को आज रिहा कर दिया गया.