जीतेंद्र सिंह, केंद्रीय मंत्री
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता फ़ारूक़ अबदुल्ला के जिन्ना वाले बयान को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज़ हो गई है।
रविवार को केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा कि फ़ारूक़ साहब को फिर से इतिहास पढ़ने की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा, 'वो फिर से इतिहास पढ़ें। हमारे पास जो तथ्य है उसके मुताबिक़ महात्मा गांधी ने ख़ुद जिन्ना को सुझाव दिया था कि अगर वह पाकिस्तान बनाने की हठ छोड़ दे तो वो ख़ुद जिन्ना को अविभाजित भारत का पीएम बनाने के लिए कांग्रेस को मनाएंगे।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'लेकिन जिन्ना को यह सुझाव पसंद नहीं आया क्योंकि शायद उन्हें ऐसा लगता था कि लोग उन्हें भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर आसानी से स्वीकार नहीं करेंगे। नेहरू भी शायद पीएम बनने की जल्दबाज़ी में थे। एनसी के वयोवृद्ध नेता फ़ारूक़ अबदुल्ला कई बार अवसरवादी समझौता कर चुके हैं।'
But Jinnah wasn't impressed by the suggestion possibly because he felt it wasn't easy for him to gain acceptability as India PM.Nehru was also in hurry to take over as PM.Lot of opportunistic adjustments were done by patriarch of National Conference Sheikh Abdullah:Jitendra Singh pic.twitter.com/QpsuhH7Qwh
— ANI (@ANI) March 4, 2018
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री ने भारत के विभाजन के लिए मोहम्मद अली जिन्ना के बजाए नेहरू-पटेल को जिम्मेदार बताया था।
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उन्होंने कहा, 'कमिशन आया, उसमें फैसला किया गया कि हिंदुस्तान का बंटवारा नहीं करेंगे। हम मुसलमानों के लिए विशेष प्रतिनिधित्व रखेंगे। सिखों व अन्य अल्पसंख्यकों को विशेष प्रतिनिधित्व देंगे मगर मुल्क़ का बंटवारा नहीं करेंगे।'
अब्दुल्ला ने कहा कि जिन्ना ने कमीशन के फैसले को मान लिया था लेकिन जवाहरलाल नेहरू, मौलाना आजाद और सरदार पटेल ने इसे नहीं स्वीकार किया।
अब्दुल्ला ने कहा, 'जब यह नहीं हुआ तो जिन्ना ने फिर से अलग देश पाकिस्तान बनाने की मांग रखी।'
उन्होंने कहा कि यह नेहरू और पटेल की जिद का नतीजा है कि आज पाकिस्तान और बांग्लादेश के रूप में देश के टुकड़े हो गए हैं। अगर उस समय कमीशन की बात मान ली गई होतीं तो आज भारत का बंटवारा नहीं होता।
Source : News Nation Bureau