/newsnation/media/post_attachments/images/2021/01/27/sardar-vm-singh-19.jpg)
किसान नेता बोले- हम MSP के लिए आए हैं, गुंडागर्दी के लिए नहीं( Photo Credit : ANI)
कृषि कानूनों के विरोध में बुधवार को भी किसानों का आंदोलन जारी है. दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं, लेकिन अब उनका कोई नेतृत्व नहीं है. गणतंत्र दिवस पर किसानों ने मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में खूब बवाल मचाया. इस दौरान उपद्रवियों ने शर्मनाक हरकत करते हुए लाल किले पर चढ़कर एक विशेष संगठन का झंडा लगा दिया. इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. पुलिस ने किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत 26 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. इस बीच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के सरदार वीएम सिंह ने दिल्ली की घटना को शर्मनाक बताया है.
हम एमएसपी के लिए आए हैं, हुड़दंग मचाने नहीं आए. जिन लोगों ने ट्रैक्टर रैली के लिए तय रूटों का उल्लंघन किया, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. जो हुआ, वो बहुत शर्मनाक था. अब हमें यह देखना है कि हम उनलोगों के साथ कैसे आगे बढ़ेंगे, जो आंदोलन को ही खत्म करना चाहते हैं. ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति के सरदार वीएम सिंह ने ये बातें कही हैं.
We came for MSP, not hooliganism. Action must be taken against those who took different route. It was shameful. We'll have to see how to go ahead with those who want to break agitation. Press conference at 4 pm: Sardar VM Singh, All India Kisan Sangharsh Coordination Committee pic.twitter.com/fXm8dJwJuc
— ANI (@ANI) January 27, 2021
वहीं, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. किसान और पुलिस के बीच तीन रूटों से ट्रैक्टर रैली निकलने पर सहमति बनी थी. सिंघु बार्डर, टिकरी बार्डर और गाजीपुर बार्डर से ट्रैक्टर रैली निकलनी थी. सिंघु बार्डर, टिकरी बार्डर पर ट्रैक्टर रैली के दौरान कोई दिक्कत नहीं हुई. गाजीपुर बार्डर पर इसलिए दिक्कत हुई, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने जो रूट दिया उसे उन्होंने बदल दिया और वहां बैरियर लगा दिए.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसानों ने इन रूटों को खोलने के लिए कहा तो इस पर पुलिस ने टियर गैस और लाठी-डंडे चलाए. उससे विवाद बढ़ा और वहीं कारण बना. आपने देखा होगा जो लोग पछले दो महीने से सत्याग्रह कर रहे हैं, वे हिंसक नहीं हो सकते हैं. इसमें कौन लोग शामिल हो गए.
उन्होंने आगे कहा कि किसानों ने 15 लोगों को पकड़कर दिल्ली पुलिस को दिए हैं, उनका नाम उजागर होना चाहिए. उन लोगों को सरकारी मुजालिम होने का अधिकार मिला है. अब आप समझ लिजिए सरकार किसकी है. एक शांतिपूर्ण आंदोलन को गलत रास्ते में दिखाने का ये सुनियोजित, प्रयोजित षड्यंत्र था.
Source : News Nation Bureau