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किसान हर मसले पर अड़े, आज की बैठक पर असमंजस और बढ़ा

किसान मोर्चा का यह अड़ियल रवैया तब सामने आया है जब शुक्रवार को 11वें दौर की बातचीत सरकार से होनी है. यही नहीं, सरकार ने दो कदम पीछे लेते हुए कृषि कानूनों पर अमल को डेढ़ साल के लिए टालने की बात कही है.

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Nihar Saxena
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किसान कानून रद्द करने की मांग से हटने को कतई तैयार नहीं.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसानों के संगठनों का संघ संयुक्त किसान मोर्चा को नए कृषि कानून (Farm Laws) पर सरकार का प्रस्ताव मंजूर नहीं है. किसान मोर्चा का यह अड़ियल रवैया तब सामने आया है जब शुक्रवार को 11वें दौर की बातचीत सरकार से होनी है. यही नहीं, सरकार ने दो कदम पीछे लेते हुए कृषि कानूनों पर अमल को डेढ़ साल के लिए टालने की बात कही है. इसके साथ ही किसान दिल्ली में गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर अपनी ट्रैक्टर रैली निकालने पर भी अड़े हैं.

कृषि  कानून रद्द करने की जिद
आंदोलनरत किसानों की मांगों को लेकर सरकार के साथ 11वें दौर की वार्ता से एक दिन पहले मोर्चा ने एक बयान में कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की आमसभा में सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया. सयुंक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन की मुख्य मांगों के रूप में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की बात दोहराई है.

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सरकार ने कानून स्थगित करने का दिया था प्रस्ताव
किसान यूनियनों के साथ बुधवार को 10वें दौर की वार्ता में सरकार ने नए कृषि कानूनों के अमल को डेढ़ साल तक के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव दिया था. सरकार ने यह भी कहा है कि इस अवधि के दौरान सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाकर नये कानून और आंदोलन से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श करके समाधान निकाल लिया जाएगा। किसान यूनियनों ने इस प्रस्ताव पर अपना निर्णय सुनाने के लिए वक्त मांगा था, इसलिए अगले दौर की वार्ता शुक्रवार को दोहपर 12 बजे तय की गई है.

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ट्रैक्टर रैली भी दिल्ली में ही निकालेंगे
मगर, इस वार्ता से पहले प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है. इसलिए अब 11वें दौर की वार्ता में सरकार और यूनियन के नेताओं के बीच किसी नतीजे पर पहुंचने को लेकर फिर एक असमंजस की स्थिति बनी रह सकती है. सयुंक्त किसान मोर्चा की तरफ से किसान नेता डॉ. दर्शन पाल द्वारा जारी बयान के अनुसार, इस आंदोलन के दौरान 140 किसान अपनी जान गवां चुके हैं. उधर, पूर्व घोषित किसान परेड को लेकर दिल्ली पुलिस के साथ हुई बैठक की जानकारी देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने दिल्ली में प्रवेश न करने की बात कही, वहीं किसानों ने दिल्ली के रिंग रोड पर परेड करने की बात मजबूती से रखी.

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