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किसानों ने सरकार के कृषि कानूनों पर अस्थायी रोक के प्रस्ताव को ठुकराया 

नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन 56वें दिन में प्रवेश कर गया है. कड़ाके की सर्दी में दिल्ली के बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार और किसानों के बीच बुधवार को 10वें दौर की बातचीत भी खत्म हो गई.

Updated on: 20 Jan 2021, 07:06 PM

नई दिल्ली:

नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन 56वें दिन में प्रवेश कर गया है. कड़ाके की सर्दी में दिल्ली के बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार और किसानों के बीच बुधवार को 10वें दौर की बातचीत भी खत्म हो गई, लेकिन कोई हल नहीं निकला. इस बैठक में किसानों ने एक बार फिर सरकार के प्रस्वात को ठुकरा दिया है.

सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया कि एक साल के लिए तीनों कृषि कानून पर रोक लगा दी जाए और एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें सरकार और किसान दोनों शामिल हो, लेकिन किसान संगठनों ने सरकार के इस प्रस्ताव को मानने से मना कर दिया. इसके साथ ही सरकार ने यह भी अपील की है कि इस प्रस्ताव के साथ-साथ आपको आंदोलन भी खत्म करना होगा. 

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज गुरु गोविंद सिंह की जयंती है. आज कुछ सकारात्मक हल निकाल कर ही यहां से जाए. ये मेरी अपील है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में ये एफीडेविट देने को भी तैयार की है. हम कानून को एक साल के लिए स्थगित करते हैं, जब तक कमेटी की रिपोर्ट न आ जाए.

सरकार के साथ बैठक के दौरान किसानों ने एनआईए की नोटिस का विरोध जताया है. इस पर मंत्री जी ने कहा कि पता करेंगे. सरकार की ओर से किसानों के सामने संशोधन का विषय रखा गया, लेकिन किसानों ने तीनों कृषि कानून वापसी की मांग की है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चर्चा से सरकार भाग रही है.