मंदसौर के बाद मध्य प्रदेश के अन्य इलाकों में फैला किसान आंदोलन, 10 जून को चक्का जाम की चेतावनी

मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन के आठवें दिन भी छिटपुट हिंसा और आगजनी का दौर जारी रहा। आंदोलन का गढ़ रहे मंदसौर में हालांकि शांति रही लेकिन अब अन्य इलाकों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो चुका है।

author-image
Abhishek Parashar
एडिट
New Update
मंदसौर के बाद मध्य प्रदेश के अन्य इलाकों में फैला किसान आंदोलन, 10 जून को चक्का जाम की चेतावनी

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन के आठवें दिन भी छिटपुट हिंसा और आगजनी का दौर जारी रहा। आंदोलन का गढ़ रहे मंदसौर में हालांकि शांति रही लेकिन अब अन्य इलाकों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो चुका है।

Advertisment

वहीं आंदोलन के बढ़ते दायरे के बाद बैकफुट पर आई शिवराज सरकार ने किसानों से बातचीत के लिए पेशकश की है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'राज्य सरकार किसानों की हर समस्या को सुनने और बातचीत के लिए तैयार है।'

सीएम ने कहा, 'हमारी सरकार किसानों से बातचीत के लिए हमेशा से तैयार है क्योंकि सिर्फ बातचीत के जरिए ही किसी भी समस्या को सुलझाया जा सकता है।'

किसान आंदोलन के आठवें दिन गुरुवार को शाजापुर और देवास जिलों में हिंसा की खबर है। शाजापुर कृषि उपज मंडी में प्याज की खरीदी शुरू होने से नाराज किसानों ने एक ट्रक और चार मोटर साइकिलों में आग लगा दी। आंदोलनकारियों ने अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) राजेश यादव से मारपीट भी की, जिससे उनके पैर की हड्डी टूट गई।

शाजापुर की जिलाधिकारी अलका श्रीवास्तव ने कहा, 'किसानों ने कृषि उपज मंडी में उत्पात मचाया, और पथराव किया, जिसके कारण (राजेश) यादव के पैर की हड्डी टूट गई। जिले में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी गई है।'

और पढ़ें: मंदसौर हिंसा में मारे गए किसानों के परिवार वालों से मिले राहुल

वहीं देवास में एक ट्रक को उपद्रवियों ने आग लगा दी। बढ़ते उपद्रव के चलते भोपाल-इंदौर मार्ग पर बसों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है। गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने हालांकि कहा कि भोपाल-इंदौर राजमार्ग पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।

भारतीय किसान यूनियन के राजकुमार यादव के अनुसार, हरदा, रायसेन सहित अन्य स्थानों पर भी किसानों ने प्रदर्शन किया। कुछ स्थानों पर छिटपुट हिंसा भी हुई।

आम किसान यूनियन के केदार सिरोही के मुताबिक, 'अगर सरकार का रुख बदलता नहीं है और वह बातचीत के लिए आगे नहीं आती है तो 10 जून को चक्काजाम, जेल भरो आंदोलन किया जाएगा।'

वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे और पीड़ित किसानों के परिजनों से उनकी मुलाकात की वजह से सियासी गहमागहमी बनी रही। 

इस बीच पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात करने मंदसौर जा रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई नेताओं की गिरफ्तारी ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है। नीमच सीमा पर पहुंचते ही नयागांव में राहुल को पुलिस ने घेर लिया, और उन्हें हिरासत में ले लिया।

और पढ़ें: मंदसौर हिंसा: किसान आंदोलन के हिंसक होने के बाद बैकफुट पर शिवराज सरकार, बातचीत के लिए तैयार

गांधी पीड़ित परिजनों से मुलाकात की जिद पर अड़े हुए थे, और जब उन्हें व अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर जावद स्थित एक रेस्ट हाउस ले जाया गया तो प्रशासन ने पीड़ित परिजनों से फोन पर उनकी बात भी कराई, और उदयपुर लौटते वक्त गोलीकांड में मारे गए किसानों के परिजनों से दिनवा गांव में उनकी मुलाकात कराई गई।

राहुल ने गिरफ्तारी से पहले कहा कि मोदी सरकार किसानों को सिर्फ गोली दे सकती है। उन्होंने कहा, 'केंद्र की मोदी सरकार देश के सबसे अमीरों के एक लाख 50 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर सकती है, मगर किसानों का नहीं। किसानों को फसल के सही दाम नहीं मिलते। बोनस नहीं दिया जाता और कर्ज की माफी नहीं होती।'

गांधी ने आरोप लगाया, 'जो लोग राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा को नहीं मानते हैं, उन्हें किसानों के लिए शोक जताने भाजपा शासित राज्यों में जाने नहीं दिया जाता है। मध्य प्रदेश की सरकार वही कर रही है, जो उत्तर प्रदेश सरकार ने किया था।'

और पढ़ें: मंदसौर हिंसा: मायावती का मोदी सरकार पर हमला, कहा बीजेपी सरकार हमेशा गरीब जनता का दमन करती है

HIGHLIGHTS

  • मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन के आठवें दिन भी छिटपुट हिंसा और आगजनी का दौर जारी रहा
  • आंदोलन का गढ़ रहे मंदसौर में हालांकि शांति रही लेकिन अब अन्य इलाकों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो चुका है

Source : News Nation Bureau

farmers-protest madhya-pradesh rahul gandhi Mandsaur Violence
      
Advertisment