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Farmers Protest: किसान आंदोलन के बीच PM नरेंद्र मोदी का ट्वीट- कह दी यह बड़ी बात

Farmers Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार के बातचीत के न्योते पर फिलहाल दो दिन के लिए आंदोलन टाल दिया है

Updated on: 22 Feb 2024, 11:03 AM

New Delhi:

Farmers Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार के बातचीत के न्योते पर फिलहाल दो दिन के लिए आंदोलन टाल दिया है.  सरकार ने एमएसपी समेत किसानों की सभी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया और पांचवें दौर की वार्ता का प्रस्ताव रखा है. इस बीच मोदी सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) में सत्र 2024-25 के लिए प्रति क्विंटल 25 रुपये की वृद्धि की है. सरकार के इस फैसले से गन्ना का मूल्य 315 रुपए प्रति क्विंटल से 340 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने कल यानी बुधवार को यह निर्णय लिया. 

गन्ना किसानों को प्रधानमंत्री ने सुनाई खुशखबरी

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि देशभर के अपने किसान भाई-बहनों के कल्याण से जुड़े हर संकल्प को पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है. इसी कड़ी में गन्ना खरीद की कीमत में ऐतिहासिक बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है. इस कदम से हमारे करोड़ों गन्ना उत्पादक किसानों को लाभ होगा. गन्ना किसानों के लिए मोदी सरकार की बड़ी सौगात!

कृषि मंत्री ने कही यह बात

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि पंजाब में किसान संगठनों के साथ कई दौर की सार्थक बातचीत हुई है. अभी भी किसानों को कहा है कि इसका समाधान हम वार्ता से निकालेंगे. सरकार किसानों के हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है, हम फिर से बात कर सकते हैं.

इससे पहले पियूष गोयल ने कहा कि किसानों के हित में अहम निर्णय लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने चीनी सीजन 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए FRP को बढ़ाकर ₹340 प्रति क्विंटल किया.

क्या है एफआरपी (उचित और लाभकारी मूल्य)

दरअसल, एफआरपी केंद्र सरकार द्वारा गन्ने की फसल के लिए निर्धारित एक न्यूनतम मूल्य होता है. चीन मिल इसी न्यूनतम मूल्य के आधार पर किसानों से गन्ने की खरीद करते हैं. कमीशन ऑफ एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेज (CACP) में हर साल एफआरपी की सिफारिश का प्रावधान है. सीएसीपी गन्ना समेत सभी फसलों के भाव के लिए सरकार को सिफारिश भेजता है,  जिसके बाद सरकार उस पर विचार करने के बाद लागू कर देता है. आपको बता दें कि एफआरपी से मूल्य में वृद्धि उन्हीं राज्यों में होती है, जहां गन्ने का कम पैदावार होती है. जबकि गन्ने का ज्यादा उत्पादन करने वाले राज्य फसली की कीमत खुद तय करते हैं, जिनको  (SAP) स्टेट एडवायजरी प्राइज कहा जाता है.