कृषि कानूनों पर बनी कमेटी 2 माह में सौंपेगी रिपोर्ट, जानें सदस्यों के नाम
मोदी सरकार की ओर से पास किए गए तीनों कृषि कानून के लागू होने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया. इसके साथ ही इस मसले को सुलझाने के लिए अब कमेटी का गठन कर दिया गया है.
नई दिल्ली:
मोदी सरकार की ओर से पास किए गए तीनों कृषि कानून के लागू होने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया. इसके साथ ही इस मसले को सुलझाने के लिए अब कमेटी का गठन कर दिया गया है. इस कमेटी में कुल 4 लोग शामिल होंगे. यह कमेटी मामले की मध्यस्थता नहीं, बल्कि समाधान निकालने का प्रयास करेगी.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के भूपिंदर सिंह मान, शेतकारी संगठन के अनिल घनवंत, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के प्रमोद के जोशी शामिल हैं. ये कमेटी सुप्रीम कोर्ट को सीधे अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. जब तक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आ जाती है तब तक कृषि कानूनों के अमल पर रोक जारी रहेगी.
The Committee (formed by Supreme Court) should file the report before us within 2 months. First sitting to be held within 10 days, says Supreme Court in its order. #FarmLaws pic.twitter.com/xgTQSZvv1n
— ANI (@ANI) January 12, 2021
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कानून पारित होने से पहले जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) था वो अगले आदेश तक जारी रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने गठित कमेटी से कहा कि 2 महीने में वे अपनी रिपोर्ट सौंप दें. कोर्ट ने कहा कि समिति, सरकार के साथ-साथ किसान संगठनों और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों को सुनने के बाद कोर्ट के समक्ष एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. रिपोर्ट में कमेटी की सिफारिश शामिल होगी. यह काम 2 महीने में होना है. पहली बैठक आज से 10 दिनों में होगी.
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