MSP पर किसानों की मांग मानने को तैयार : नरेंद्र सिंह तोमर
Kisaan Andolan 40 Day Live Updates: किसान आंदोलन को खत्म करने में जुटी केंद्र सरकार के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) संकटमोचक की भूमिका निभा सकते हैं. किसानों के बीच राजनाथ सिंह की अच्छी छवि का फायदा सरकार भी उठाना चाहती है.
नई दिल्ली:
Kisaan Andolan 40 Day Live Updates: नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन पिछले 40 दिन से जारी है. सरकार और किसान संगठनों के बीच आज सातवें दौर की बातचीत होनी है. दोपहर 2 बजे होने वाली इस बैठक में एमएसपी को लेकर सहमति बन सकती है. 30 दिसंबर को सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई बैठक में बिजली बिल और पराली बिल को लेकर सहमति बनी थी. दूसरी तरफ किसान संगठनों ने साफ कह दिया है कि जब तक सरकार उनकी मांगों नहीं मानती है, तब तक वह डटे रहेंगे.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि हम किसानों के साथ तीनों कानूनों पर बिंदूवार चर्चा करना चाहते थे, लेकिन हम कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके क्योंकि किसान तीनों कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए थे. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज की वार्ता के बाद हमें उम्मीद है कि अगली वार्ता के दौरान हम कोई निष्कर्ष पर पहुंचेंगे.
सूत्रों के अनुसार, नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक में कहा कि एमएसपी पर आपकी मांगों को मनाने को तैयार हैं.
किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार के साथ किसान नेताओं की मुलाकात के बाद कहा कि 8 तारीख (8 जनवरी 2021) को सरकार के साथ फिर से मुलाकात होगी. तीनों कृषि क़ानूनों को वापिस लेने पर और MSP दोनों मुद्दों पर 8 तारीख को फिर से बात होगी. हमने बता दिया है क़ानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, हमारी मांगों पर चर्चा हुई - तीन कानूनों और MSP को निरस्त किया जाए. हम कानून वापस नहीं लेने तक घर नहीं जाएंगे.
Discussion took place on our demands -- repeal of the three laws and MSP... Kannon wapasi nahi, to ghar wapasi nahi (We will not go home until the laws are withdrawn): Rakesh Tikait, Spokesperson of Bharatiya Kisan Union https://t.co/opDKdxyX1D pic.twitter.com/8v4qzbUX7B
— ANI (@ANI) January 4, 2021
किसानों और सरकार के बीच वार्ता से ताजा खबर ये है कि किसान संगठनों के MSP पर लिखित आश्वासन और तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग पर सरकार ने कहा एक संयुक्त कमेटी बना देते हैं वो तय करे कि इन तीनों कानूनों में क्या क्या संशोधन किए जाने चाहिए.
किसान प्रतिनिधियों ने विज्ञान भवन में भोजनावकाश के दौरान भोजन किया, जहां सरकार तीन कृषि कानूनों पर किसानों के साथ बातचीत चल रही है. इस दौरान जानकारी मिली की किसानों ने मंत्रियों के साथ भोजन करने से इनकार कर दिया.
विज्ञान भवन में किसानों और सरकार की सातवें दौर की बैठक शुरू हो गई है.
Delhi: Seventh round of meeting between Central Government & farmers' representatives begins at Vigyan Bhawan.#FarmLaws pic.twitter.com/5eO8bGjwzQ
— ANI (@ANI) January 4, 2021
विज्ञान भवन पहुंचा किसानों का प्रतिनिधिमंडल. थोड़ी देर में सरकार के साथ होगी बातचीत
Delhi: A delegation of farmer leaders arrive at Vigyan Bhawan for talks with Union Government on the three Farm Laws
"We hope there is a breakthrough in this meeting in the new year," says a farmer leader pic.twitter.com/oFG4ERdzFO
— ANI (@ANI) January 4, 2021
बातचीत से पहले कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि इस मामले आज सकारात्मक नतीजा निकलने की उम्मीद है. आज सभी मुद्दों पर बातचीत की जाएगी.
I am hopeful that we will find a positive solution today. We will discuss all issues in the meeting: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on today's talks with farmers pic.twitter.com/fxnQDS2KKx
— ANI (@ANI) January 4, 2021
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 13 जनवरी को नए कृषि कानूनों की कॉपी जलाकर लोहड़ी मनाएंगे और 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के अवसर पर किसान दिवस भी मनाएंगे.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 6 से 20 जनवरी तक देश जागृति पखवाड़ा मनाया जाएगा. इसी दिन किसान KMP एक्सप्रेसवे पर मार्च निकालेंगे.
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है. आज किसानों और केंद्र सरकार की बैठक होगी.
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है। आज किसानों और केंद्र सरकार की बैठक होगी। #FarmersProtest pic.twitter.com/fCxneQROZ4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 4, 2021
30 दिसंबर की मीटिंग में 2 मुद्दों पर सहमति बनी थी
1. पराली जलाने पर केस दर्ज नहीं होंगे: अभी 1.करोड़ रुपए जुर्माना और 5 साल की कैद का प्रॉविजन है. सरकार इसे हटाने को राजी हुई.
2. बिजली अधिनियम में बदलाव नहीं: किसानों को आशंका है कि इस कानून से बिजली सब्सिडी बंद होगी. अब यह कानून नहीं बनेगा.
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