Farmers Protest: किसानों के समर्थन के लिए एक युवक ने उठा लिया ये बड़ा कदम
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है, ऐसे में एक युवक किसानों के समर्थन में अपने गांव से दौड़कर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचा हैं. हालांकि इसके लिए उसके दोस्तों ने 5 किलो बादाम और 5100 रुपये की शर्त लगाई थी.
नई दिल्ली:
कृषि कानून (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) जारी है, ऐसे में एक युवक किसानों के समर्थन में अपने गांव से दौड़कर गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पहुंचा हैं. हालांकि इसके लिए उसके दोस्तों ने 5 किलो बादाम और 5100 रुपये की शर्त लगाई थी. बागपत के सिखेड़ा गांव के रहने वाले मोनू डागर ने बताया, "गांव में 5 किलो बादाम और 5100 रुपये में शर्त लगी थी कि बागपत के सिखेड़ा गांव से दौड़ कर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचना है." सिखेड़ा गांव से गाजीपुर बॉर्डर की दूरी करीब 50 किलोमीटर है. मोनू ने कहा, "किसानों के समर्थन में ये शर्त लगी थी जिसके लिए यहां दौड़ कर आया हूं, मैं शर्त जीत चुका हूं और इसके बाद में राकेश टिकैत से मुलाकात करूंगा."
और पढ़ें: 80 लाख करोड़ रुपये का कृषि-कारोबार हड़पेंगे कॉरपोरेट्स : राहुल गांधी
दरअसल मोनू की गांव में अन्य लड़को से शर्त लग गई, जिसके कारण उसने रविवार को सुबह 11 बजे से दौड़ना शुरू किया और शाम 4 बजे बॉर्डर पहुंचा, हालांकि लगातार दौड़ने से मोनू की तबीयत खराब हो गई. मोनू जैसे ही बॉर्डर पहुंचा उसे तुरंत बॉर्डर स्थित एक मेडीकल कैम्प में ले जाया गया और आराम करने की जगह दी गई.
किसानों के समर्थन में मोनू के साथ उसके दोस्त भी आए है और उन्होंने भी दौड़ लगाई, लेकिन बीच-बीच में वह गाड़ियों पर बैठते रहे. मोनू के साथ आए उनके दोस्त आकाश ने आईएएनएस को बताया, "मोनू शूरू से दौड़ते रहे हैं, तो गांव में ही ऐसे ही बातें चल रही थी कि जो गांव में दौड़ कर जाएगा उसे इनाम दिया जाएगा." आकाश ने कहा, "मोनू ने सुबह 11 बजे से दौड़ना शूरू किया, हालांकि उसका हौसला बढ़ाने के लिए इसके कुछ साथी भी दौड़ते रहे."
ये भी पढ़ें: आंदोलन के पक्ष में हो रही महापंचायत पर टिकैत ने रखी अपनी बात
बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन में और धार देने के लिए शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे और आगे की रणनीति तय की, इस दौरान एक बैठक भी हुई. बैठक के बाद सभी किसान नेता मंच पर पहुंचे और किसानों को संबोधित किया. गाजीपुर बॉर्डर के मंच से राकेश टिकैत के अलावा, किसान नेता दर्शन पाल, युद्धवीर सिंह, और बलबीर सिंह राजेवाल के अलावा अन्य किसान नेता उपस्थित रहे. इस दौरान महाराज सूरजमल की जयंती मनाई और विद्वान कार्यकर्ता प्रोफेसर एमडी नानजुंदस्वामी को भी याद किया.
गाजीपुर बॉर्डर के मंच से किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि, "इस आंदोलन के समर्थन में पूरा देश है. यदि आंदोलन इसी तरह तेज रहा तो, कुछ जिलों में जिस तरह टोल फ्री हुए हैं, उसी तरह यूपी के टोल भी फ्री कराए जाएंगे."
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Dharma According To Ramayana: रामायण के अनुसार धर्म क्या है? जानें इसकी खासियत
-
Principles Of Hinduism : क्या हैं हिंदू धर्म के सिद्धांत, 99% हिंदू हैं इससे अनजान
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, भग्योदय होने में नहीं लगेगा समय
-
Types Of Kaal Sarp Dosh: काल सर्प दोष क्या है? यहां जानें इसके प्रभाव और प्रकार के बारे में