किसानों से बातचीत के लिए कृषि मंत्री तोमर ने लिखा पत्र
दिल्ली बॉर्डर पर पिछले करीब एक महीने से डटे किसानों मनाने की सरकार की कोशिशें कामयाब होती नजर नहीं आ रही हैं. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की चिट्ठी और प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बावजूद किसानों का प्रदर्शन 24वें दिन भी जारी है.
नई दिल्ली:
दिल्ली बॉर्डर पर पिछले करीब एक महीने से डटे किसानों मनाने की सरकार की कोशिशें कामयाब होती नजर नहीं आ रही हैं. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की चिट्ठी और प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बावजूद किसानों का प्रदर्शन 24वें दिन भी जारी है. वहीं, रविवार को किसानों ने इस आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘किसान शहीदी दिवस’ मनाएगी. देशभर के किसान उन किसानों को याद करेंगे जिनकी जान इस आंदोलन के दौरान गई है. इसके साथ ही किसान नेताओं ने ये कहते हुए नाराजगी जताई कि हमारे आने वाले दूसरे किसान साथियों को कई राज्यों में रोका जा रहा है और सरकार ये गलत कर रही है.
दिल्ली में हिंद मजदूर किसान समिति के सदस्यों ने तीन कृषि कानूनों का समर्थन करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को एक पत्र सौंपा है.
Delhi: Members of Hind Mazdoor Kisan Samiti submitted a letter to Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar, to extend their support the three farm laws. https://t.co/IZapv2v5GW pic.twitter.com/eyPpLxuAva
— ANI (@ANI) December 20, 2020
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि जयपुर दिल्ली हाईवे पर पक्का मोर्चा जमा दिया गया है. हरियाणा सरकार जान से उन्हें रोकने में जुटी है. तंग कर रही है. हरियाणा सरकार जो कर रही है वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है. हरियाणा सरकार को चेतावनी देना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन न करें. बैठक में 4 फैसले हुए. कल से 24 घंटे का रिले हंगर स्ट्राइक. यहां 11 लोगों का होगा. फिर 11 लोग जुडेंगे. हर मोर्चे पर होगा. 23 तारिख को सभी देश वासियों से अपील की है कि किसान दिवस के मौके पर एक समय के खाने को ना खाएं. यानी लंच ना करें.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 25वें दिन भी जारी है और इस प्रदर्शन को यादगार बनाने के लिए नौजवान कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. बॉर्डर पर पंजाब, हरियाणा से आए युवा किसान इस आंदोलन के समर्थन में ब्लड डोनेट कर रहे हैं तो वहीं अपने शरीर पर कृषि विषय पर टैटू भी बनवा रहे हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जल्द खत्म होता नहीं दिख रहा है. किसानों और सरकार के 6 दौर की बातचीत के बाद भी अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है. हजारों की संख्या में बुजुर्ग किसान और नौजवान इस प्रदर्शन में शामिल हुए हैं.
मेरठ के परतापुर में इकट्ठा होकर किसानों ने मेरठ से गाजियाबाद के लिए कूच कियां किसानों ने बड़े-बड़े बैनरों में कृषि बिल का समर्थन करने के स्लोगन लिखे हैं. किसानों के इस जत्थे में सैकड़ो युवा किसान भी दिखाई दिए.
मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर, बागपत और मेरठ से सैकड़ों की संख्या में किसान आज सुबह मेरठ के परतापुर फ्लाईओवर पर ट्रैक्टर ट्रॉलियों लेकर पहुंचे. यहां किसान बाकायदा बोरियां बिस्तर और अन्य सामान साथ लेकर आए हैं.
आंदोलनकारी किसान गाजीपुर में दिल्ली-यूपी सीमा पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि दी. एक आंदोलनकारी कहते हैं कि हम आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
Delhi: Agitating farmers pay tributes to the farmers who died during the ongoing protest against three farm laws, at Delhi-UP border in Ghazipur.
"We are paying homage to the farmers who lost their lives during the agitation," says a protester. pic.twitter.com/L7mUIcbuxs
— ANI (@ANI) December 20, 2020
अमेरिका के 2 सिख एनजीओ टीकरी बॉर्डर पर किसानों को शौचालय, गीजर और तंबू दान किया हैं. एस पी सिंह खालसा, होशियारपुर समन्वयक, सिख पंचायत फ्रेमोंट कैलिफोर्निया ने कहा, विरोध स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण, हमने 200 पोर्टेबल शौचालय और गीजर दान करने का फैसला किया है.
Delhi: 2 US-based Sikh NGOs donate toilets, geysers & tents to farmers at Tikri border.
"Due to lack of basic facilities at protest sites, we've decided to donate 200 portable toilets & geysers," says S P Singh Khalsa, Hoshiarpur Coordinator, Sikh Panchayat Fremont California pic.twitter.com/seQqwwD9SV
— ANI (@ANI) December 20, 2020
किसान आंदोलन को आज 25 दिन हो गए हैं, किसी भी प्रकार से सरकार कोई रास्ता नहीं निकाल रही है. जिनके लिए कानून बनाए गए हैं अगर वो ही मानने को तैयार नहीं हैं तो सरकार कानून वापस ले. ईगो बनाकर कानून लोगों पर थोपे रहना और आंदोलन बढ़ाने का रवैया लोकतंत्र में ठीक नहीं हैःनवाब मलिक, NCP
किसान आंदोलन को आज 25 दिन हो गए हैं, किसी भी प्रकार से सरकार कोई रास्ता नहीं निकाल रही है. जिनके लिए कानून बनाए गए हैं अगर वो ही मानने को तैयार नहीं हैं तो सरकार कानून वापस ले. ईगो बनाकर कानून लोगों पर थोपे रहना और आंदोलन बढ़ाने का रवैया लोकतंत्र में ठीक नहीं हैःनवाब मलिक, NCP pic.twitter.com/z1WlHwTR0Q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 20, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ चिल्ला बाॅर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बाॅर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है.
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कृषि कानूनों के खिलाफ चिल्ला बाॅर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बाॅर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है। #FarmersProtests pic.twitter.com/shXd2QebJz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 20, 2020
चिल्ला पर बैठे किसानों ने प्रधानमंत्री के गुरुद्वारे जाने को नाटक बताया है. किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री आंदोलन में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि क्यों नहीं देते. इतनी ही चिंता है तो वो कृषि बिल वापस क्यों नहीं लेते किसानों का यह भी कहना है कि अब जो किसान बिल के समर्थन में सामने आ रहे हैं और बीजेपी और आरएसएस के लोग हैं आम किसान सड़क पर तब तक डटा रहेगा जब तक तीनों कृषि बिल वापस नहीं होते.
आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करने के लिए सिंघू सीमा पर मुफ्त में टैटू बना रहा हैं पंजाब का कलाकार.
Punjab-based artists inking tattoos for free at Singhu border to support agitating farmers
Read @ANI Story | https://t.co/CDvsUfXUtS pic.twitter.com/0LScpYAzvQ
— ANI Digital (@ani_digital) December 19, 2020
सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर वॉलीबॉल कोर्ट का नजारा दिखाई दिया. पंजाब के जालंधर के मूल निवासी रणजीत सिंह कहते हैं, हम अपनी सेवाएं लंगूर में देने के बाद यहां वॉलीबॉल खेलते हैं. बता दें कि किसान तीनों कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं.
Delhi: Volleyball court comes up at Singhu border (Delhi-Haryana border) where farmers continue to protest against the three farm laws. "We play volleyball here after giving our services at the langar," says a Ranjit Singh, a native of Jalandhar, Punjab. pic.twitter.com/BPnbzaFDZZ
— ANI (@ANI) December 19, 2020
दिल्ली बॉर्डर पर कई दिनों से डटे किसानों के लिए पंजाब के स्वयंसेवकों के एक समूह ने सिंघू सीमा पर 'पगड़ी लंगर' शुरू किया. एक स्वयंसेवक कहते हैं, पगड़ी हमारा गौरव है, इसलिए हम इसे बढ़ावा दे रहे हैं और लोगों को सिखा रहे हैं कि इसे कैसे बांधा जाए. हम मुफ्त में पगड़ी दे रहे हैं. बता दें कि यहां पर किसान केंद्र के Farmlaws का विरोध कर रहे हैं.
Delhi: A group of volunteers from Punjab started ‘pagdi langar’ at Singhu border, where farmers are protesting against Center's #Farmlaws.
"Turban is our pride, so we are promoting it & teaching people how to tie it. We are giving turbans for free," says a volunteer. pic.twitter.com/I8HaUF9XAC
— ANI (@ANI) December 19, 2020
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