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कृषि बिल के समर्थन में करीब 20 हजार किसान करेंगे प्रदर्शन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कालीदास मार्ग स्थित अपने आवास पर मंत्रिमंडल और भाजपा संगठन के लोगों के साथ बैठक कर रहे थे. वहां से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर का दिन इस काम के लिए चुना गया है.

Updated on: 19 Dec 2020, 02:19 PM

नई दिल्ली:

कड़ाके की ठंड के बीच किसान आंदोलन का आज 24वां दिन है. किसानों का कहना है कि चाहे कितनी ही ठंड क्यों न पड़े हम यहां से तब तक वापस नहीं जाएंगे जब तक सरकार तीनों काले कानून वापस नहीं लेती. कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर डटे प्रदर्शनकारी सोलर पैनल से फोन और ट्रैक्टर की बैटरी चार्ज करते देखे गए हैं.

वहीं,  उत्तर प्रदेश सरकार और भाजपा संगठन ने मिलकर नए कृषि बिल के बारे में किसानों को जवाब देने की रणनीति तैयार कर ली है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कालीदास मार्ग स्थित अपने आवास पर मंत्रिमंडल और भाजपा संगठन के लोगों के साथ बैठक कर रहे थे. वहां से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर का दिन इस काम के लिए चुना गया है. उस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों के खाते में सम्मान निधि की राशि ट्रांसफर करेंगे.

calenderIcon 14:20 (IST)
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किसान बिल के समर्थन में करीब 20 हज़ार किसान गाजियाबाद बॉर्डर पर कल प्रदर्शन करेंगे. परतापुर बाइपास, मेरठ से कल सुबह निकलेंगे हज़ारों किसान.

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भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली. कृषि बिल को लेकर याचिका डाली. नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर धरने पर बैठा है भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति.

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नोएडा में प्रदर्शन कर रहे किसानों को समर्थन देने के लिए अब किन्नर समाज भी आगे आया है. नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल में भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति धरने पर बैठे है. आज इन्हीं किसानों को समर्थन देने के लिए किन्नर समाज पहुंचा. किन्नरों ने यहां किसानों को अपने तरीके से बधाइयां गाकर और डांस करके समर्थन दिया. किन्नरों का कहना है एक किसान पूरे देश और समाज का पेट भरता है अगर किसान ही परेशान होगा. भला देश कैसे चलेगा हम भी किसान के बच्चे हैं इसलिए हम किसानों के समर्थन में उतरे हैं.

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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि, सरकार को बात करनी चाहिए, हम सरकार से बात करने के लिए कहां मना कर रहे हैं. फूड सप्लाई चेन को किसानों ने बंद नहीं किया है और न हमारी बंद करने की योजना है.


calenderIcon 11:40 (IST)
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कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बाॅर्डर पर डटे प्रदर्शनकारी सोलर पैनल से फ़ोन और ट्रैक्टर की बैटरी चार्ज कर रहे हैं. अमृत सिंह ने बताया, "सोलर प्लेट लेकर आए हैं कि अगर फ़ोन की बैटरी डाउन हो जाएगी तो घर पर बात नहीं हो पाएगी, सरकार क्या सुविधा देगी वो हमारी मांग तो मान नहीं रही."


calenderIcon 09:24 (IST)
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लोकप्रिय अभिनेता सोनू सूद ने शुक्रवार को कहा कि तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की दुर्दशा देखकर उन्हें बहुत दुख हो रहा है. इसके साथ ही उन्होंने उनकी समस्याओं के समाधान की उम्मीद जतायी. हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों के हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें डर है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली समाप्त हो जाएगी और उनपर बड़े कॉर्पोरेट का नियंत्रण हो जाएगा.


उल्लेखनीय है कि इस साल कोरोना वायरस महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों की मदद करने के प्रयासों के लिए सोनू सूद की खूब सराहना की गई थी. अभिनेता ने कहा कि वह इस बहस में नहीं पड़ना चाहते कि कौन सही है या कौन गलत, बल्कि वह केवल यह चाहते हैं कि किसानों की समस्याओं का समय पर समाधान हो.


सूद ने कहा, "यह बहुत दुखद है. मुझे पता है कि हर समस्या का समाधान है. मैं पंजाब में पैदा हुआ और बड़ा हुआ, मैंने किसानों के साथ समय बिताया है और मेरा मानना ​​है कि अगर हम उन्हें समय दें तो पंजाबी समुदाय को प्यार से मनाया जा सकता है." सूद ने यह बात ‘वी द वीमेन’ नामक एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान कही, जहां वह पत्रकार बरखा दत्त के साथ बातचीत कर रहे थे.

calenderIcon 09:21 (IST)
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किसान कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनकी सरकार पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत 22 किसानों की मौत का आरोप लगाया. इसके साथ ही उसने मृतक किसानों के परिवार के सदस्यों को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग भी की है. किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में कहा, पिछले 23 दिनों से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर ठिठुरती सर्दी में आंदोलनकारी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, पिछले 23 दिनों में 22 किसान अपनी जान गंवा चुके हैं और भाजपा को ही किसानों की मौत के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए.

सोलंकी ने कहा कि किसान देश की 130 करोड़ आबादी की जरूरतों को पूरा करते हैं और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उनका योगदान 15 प्रतिशत है.

सोलंकी ने कहा, सरकार को देश के हित में आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करना चाहिए और पिछले 23 दिनों में मारे गए किसानों के परिवारों को एक करोड़ रुपये के मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए.

calenderIcon 06:56 (IST)
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स्वयं सेवकों का एक समूह सिंघू सीमा पर A ट्रॉली टाइम्स न्यूज़लेटर लॉन्च किया है. जहां किसान नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. वहीं, इस पहल के पीछे सुरमीत मावी कहते हैं, यह मेरे अनुभव को लिखने का एक प्रयास है, ताकि खबर गलत जा और भ्रमक हो.


calenderIcon 06:50 (IST)
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पीएम मोदी कृषि बिलों पर उनका मार्गदर्शन करेंगे. इससे पहले स्थानीय नेताओं का संबोधन होगा. प्रत्येक ब्लॉक में वर्चुअल समारोहों का आयोजन कृषि विभाग करेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रभारी मंत्री अपने जिलों में प्रवास कर इस कार्यक्रम की तैयारी कराएंगे. भाजपा संगठन इसमें भागीदारी के लिए सहयोग करेगा. एक तरह से इस आयोजन को कृषि बिलों के खिलाफ आंदोलन के जवाब के रूप में देखा जा रहा है.

calenderIcon 06:50 (IST)
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25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म दिन सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस बार किसान सम्मान निधि के ट्रांसफर और प्रधानमंत्री के संबोधन के अलावा अन्य कोई कार्यक्रम नहीं होगा.

सरकार और संगठन से मिली जानकरी के अनुसार प्रदेश के सभी 826 ब्लॉकों में विभिन्न योजनाओं के किसान लाभार्थियों व आम किसानों व कार्यकर्ता की बड़ी भागीदारी के भव्य वर्चुअल समारोह एलईडी स्क्रीन पर प्रधानमंत्री का संबोधन सुनवाया जाएगा.