वार्ता के फैसले पर बोले किसान- सरकार ठोस प्रस्ताव लिखित में भेजे
दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का आज 28वां दिन है. केंद्र सरकार की ओर से बातचीत के लिए भेजी गई चिट्ठी पर किसान संगठन आज फैसला लेंगे. किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं. अलग अलग बॉर्डर पर किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल जारी है.
नई दिल्ली:
दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का आज 28वां दिन है. केंद्र सरकार की ओर से बातचीत के लिए भेजी गई चिट्ठी पर किसान संगठन आज फैसला लेंगे. मंगलवार को सहमति न होने की वजह से आज सुबह 11 बजे सिंघु बॉर्डर पर एक बार फिर से बैठक होगी. किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं. अलग अलग बॉर्डर पर किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल जारी है, भूख हड़ताल का आज तीसरा दिन है.
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि मैं बैंकों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं, क्योंकि उन्होंने महामारी के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड कवर के तहत 1 करोड़ से अधिक किसानों को लाया और पिछले 8 महीनों में किसानों को 1 लाख करोड़ रुपये दिए. हमने कुछ सुधार किए हैं और भविष्य में और अधिक सुधार करेंगे.
I would also like to thank banks, as they brought more than 1 crore farmers under Kisan Credit Card cover during pandemic & gave farmers Rs 1 lakh crores in last 8 months. We've undertaken some reforms & will bring more in future: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/yhFdVqdZU9 pic.twitter.com/1P07fmX8ju
— ANI (@ANI) December 23, 2020
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से,हम कृषि क्षेत्र और किसानों को लाभान्वित करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें सही मूल्य मिले. कोरोना काल के दौरान हमने देखा कि खेती और कृषि से संबंधित कार्य प्रभावित नहीं हुए.
दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए महाराष्ट्र से चला किसानों का जत्था आज मध्य प्रदेश में प्रवेश कर गया. इसका मेधा पाटकर के नेतृत्व में एनएपीएम और नर्मदा बचाओ आंदोलन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया गया.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर की चिट्ठी को दिखाकर किसान हित में किए कार्यों को गिनाएंगे. इसके साथ ही मलिन बस्तियों में केंद्र की योजनाओं को बताएंगे.
किसानों आंदोलन के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने नए कृषि कानूनों के समर्थन में अपना अभियान तेज कर दिया है. उत्तर प्रदेश में 26 और 27 दिसंबर को बीजेपी के कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे.
किसान दिवस पर कांग्रेस का कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है. थाली पीटकर किसानों के समर्थन में कांग्रेस ने आंदोलन शुरू किया है.
तृणमूल के 5 सांसद सिंघू बॉर्डर पर भूख हड़ताल कर रहे किसानों से मुलाकत की.वहीं, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने टेलीफोन के जरिए किसानों से बातचीत की.
केरल सरकार ने तीन कृषि कानूनों पर चर्चा करने और उसके खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करने के लिए बुधवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है.
आढ़तियों पर आयकर विभाग की छापेमारियों को भद्दी चाल बताते हुए सिंगला ने कहा कि भाजपा नेताओं को यह बात हज़म नहीं हो रही कि आढ़ती भाईचारे की तरफ से किसानों को पूर्ण समर्थन दिया जा रहा है.
पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने बुधवार 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठेंगे.
समाजवादी पार्टी ने किसान दिवस पर भोजन छोड़ने के आह्वान का समर्थन करने का फैसला किया है, जबकि यूपी कांग्रेस, भाजपा नेताओं के आवास पर विरोध प्रदर्शन करेगा.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने लोगों से 23 दिसंबर को किसान दिवस के अवसर पर भोजन छोड़ने की अपील की.
ब्रिटेन के पीएम 26 जनवरी को भारत आने वाले हैं. पंजाब के किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने कहा कि हम ब्रिटिश सांसदों को पत्र लिख रहे हैं कि वे ब्रिटेन के पीएम को भारत आने से तब तक के लिए रोक दें, जब तक कि किसानों की मांगें भारत सरकार से पूरी नहीं होती हैं.
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