Farmers Protest : नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- किसानों को समझाने में हम सफल होंगे
दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन का आज 33 वां दिन है. केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने सरकार से बातचीत का फैसला किया है. किसान संगठनों ने 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे सरकार से अगले दौर की बातचीत का प्रस्ताव दिया
नई दिल्ली:
दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन का आज 33 वां दिन है. केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने सरकार से बातचीत का फैसला किया है. किसान संगठनों ने 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे सरकार से अगले दौर की बातचीत का प्रस्ताव दिया है. किसान आंदोलन से हर अपडेट के लिए बनें रहें न्यज नेशन के साथ...
मुझे विश्वास है कि आपके समर्थन, सकारात्मक दृष्टिकोण और समझ के साथ इन कानूनों को लागू किया जाएगा और हम किसानों को समझाने में सफल होंगे. एक नया रास्ता बनेगा और भारत की कृषि समृद्ध होगी, बोले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
I am confident that with your support, positive attitude, and understanding these laws will be implemented & we will succeed in explaining to the farmers. A new path will be created & India's agriculture will prosper: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar #FarmLaws https://t.co/StRxTNR5G2 pic.twitter.com/nu3HGNnqBA
— ANI (@ANI) December 28, 2020
केंद्र सरकार की किसानों के साथ बातचीत 30 दिसंबर को दिन में दोपहर 2:00 बजे होगी. इस बाबत केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने किसानों को एक चिट्ठी लिखी है.
मता बनर्जी ने कहा कि हम किसानों के साथ हैं. हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि तीनों कानूनों को रद्द किया जाए.
We are with the farmers. We demand the three draconian agriculture laws be withdrawn: West Bengal CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/HQ9mOfEECq
— ANI (@ANI) December 28, 2020
चंडीगढ़ में पंजाब प्रदेश कांग्रेस सेवा दल के सदस्यों ने आज कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा के सीएम के आवास के पास प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जब उन्होंने बैरिकेड्स पार करने की कोशिश की.
Chandigarh: Punjab Pradesh Congress Sewa Dal members today held a demonstration near Haryana CM's residence to protest against Centre's Farm Laws.
Protesters were detained by police as they tried to cross the barricades. pic.twitter.com/5xeusGxXOl
— ANI (@ANI) December 28, 2020
दिल्ली के बुरारी में प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि उन्होंने निरंकारी समागम मैदान का नाम बदलकर 'किसानपुरा' कर दिया है. एक किसान का कहना है, हम पिछले 33 दिनों से विरोध कर रहे हैं. यह गांव जैसा हो गया है, इस तरह हमने इसका नाम बदलकर किसानपुरा कर दिया है.
Delhi: Protesting farmers at Burari say they have renamed Nirankari Samagam ground as 'Kisanpura'
"We have been protesting for the past 33 days. It has become like a village, thus we have renamed it to Kisanpura," says a farmer pic.twitter.com/a6WFKUHYXx
— ANI (@ANI) December 28, 2020
किसानों आंदोलन पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर निशाना साधा हैं. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए वे जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसका इस्तेमाल करना पाप है. सरकार किसानों के लिए जवाबदेह है. सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए और कानून वापस लेना चाहिए.
It is a sin to use the kind of words they are using for farmers. Government is answerable to farmers. Government should listen to them and take back the laws: Congress leader Priyanka Gandhi Vadra on #FarmersProtests pic.twitter.com/QMucLQNtxl
— ANI (@ANI) December 28, 2020
किसान नेता सतनाम सिंह ने कहा कि सरकार से हमे अभी तक कोई रिस्पांस नही मिला अभी तक हम 3 महीनों से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे है लेकिन सरकार हमारे किसानों के खिलाफ पर्चे दर्ज कर रही है जे हम बर्दाश्त नही करेंगे,अग्रेसिव हो सकता है, सरकार हमें अग्रेसिव आंदोलन करने पर मजबूर ना करे.
किसानों ने बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला लेते हुए शनिवार को सरकार को चिट्ठी लिखी थी. किसानों ने मंगलवार 11 बजे मीटिंग करने का वक्त दिया था. उन्होंने 4 शर्तें भी रखीं. किसानों की चिट्ठी पर सरकार आज जवाब दे सकती है.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन व्यापक होता जा रहा है. कुंडली बॉर्डर पर जीटी रोड को जाम कर आंदोलन कर रहे किसानों ने अब अनिश्चितकाल के लिए सभी टोल को फ्री करने का एलान कर दिया है. किसानों ने पूर्व में तीन दिन तक टोल फ्री करने का आह्वान किया था. रविवार को टोल फ्री रखने का तीसरा दिन था, लेकिन किसान नेताओं ने मांगें माने जाने तक टोल फ्री करने का एलान कर दिया.
टीकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन से कुछ किलोमीटर की दूरी पर पंजाब के एक वकील ने रविवार को कथित तौर पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने बताया कि पंजाब के फाजिल्का जिले के जलालाबाद निवासी अमरजीत सिंह को रोहतक के पीजीआईएमएस ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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