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सिंघु बॉर्डर पर बोले किसान, आंदोलन पकड़ रहा है तेजी

केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 22वें दिन में प्रवेश कर गया है. दिल्ली की सीमाओं पर किसान कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए धरने पर बैठे हैं.

Updated on: 17 Dec 2020, 11:32 PM

नई दिल्ली:

केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 22वें दिन में प्रवेश कर गया है. दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए धरने पर बैठे हैं. किसानों का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं होंगे, आंदोलन चलता रहेगा. जबकि सरकार कानूनों को वापस लेने के पक्ष में नहीं है. हालांकि सरकार की ओर से कानूनों में संशोधन किए जाने की भरोसा दिया गया है. बावजूद इसके किसान अपनी जिद पर अड़े हैं. किसान आंदोलन के चलते सड़कें बंद होने से आम लोगों को भी मुसीबत झेलनी पड़ रही है.

calenderIcon 19:14 (IST)
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सिंघु बॉर्डर पर किसान मोर्चा ने पीसी किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन अब तेजी पकड़ रहा है. 20 तारीख को गांव-कस्बे के लेवल पर हम श्रद्धांजलि देंगे. बीजेपी हमारे आंदोलन को बदनाम कर रही है. किसान संगठन फुल्का जी, दुष्यंत देव समेत कई लोगों से बात कर रहे हैं. हम दोनों दिन की सुनवाई का हिस्सा नहीं थे. इसलिए हमने रिस्पॉड नहीं किया.

calenderIcon 19:06 (IST)
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दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि दिल्ली के राजपत्र में 23 नवंबर को सेंट्रे के 3 फार्म कानूनों को अधिसूचित किया गया था.नोटिफिकेशन जारी करने के बाद सीएम केजरीवाल दिल्ली विधानसभा में अधिनियम की प्रतियां फाड़ रहे हैं. यह अवसरवादी राजनीति है. दिल्ली सीएम हैं नए गिरगिट, बिना योग्यता के सिर्फ रंग बदल सकते हैं.


calenderIcon 18:05 (IST)
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दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों के आंदोलन पर पार्टी महासचिवों के साथ बैठक में भाग लेने के बाद बीजेपी मुख्यालय से निकले. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी बैठक में उपस्थित थे.


calenderIcon 15:33 (IST)
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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बीजेपी दफ्तर पहुंचे हैं, जहां बीजेपी के महासचिवों के साथ बैठक हो रही है. इस बैठक में अमित शाह भी हिस्सा लेंगे.

calenderIcon 15:28 (IST)
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चिल्ला बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन अम्बावता ने दूसरी तरफ की सड़क को भी जाम करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने रास्ता बंद नहीं होने दिया. काफी देर तक पुलिस और किसानों के बीच कहासुनी चलती रही, लेकिन जब किसान नहीं माने तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर सभी किसानों को हिरासत में ले लिया. फिलहाल रास्ते को दोबारा खुलवा दिया गया. मतलब दिल्ली से जिस तरह से ट्रैफिक नोएडा में आ रहा था, उसी स्थिति में ट्रैफिक चल रहा है, जबकि भारतीय किसान यूनियन भानु अभी भी नोएडा से दिल्ली जाने वाले रास्ते पर बैठे हुए हैं.

calenderIcon 14:30 (IST)
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कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर आत्महत्या करने वाले सिख पुजारी बाबा राम सिंह का पार्थिव शरीर हरियाणा के करनाल जिले के सिंघरा गांव में नानकसर गुरुद्वारा में श्रद्धांजलि के लिए रखा गया। उनका अंतिम संस्कार कल किया जाएगा.

calenderIcon 13:51 (IST)
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गाजीपुर बॉर्डर पर आज किसानों की महापंचायत बुलाई गई है. इसमें खापों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनका फिलहाल इंतजार किया जा रहा है.

calenderIcon 13:48 (IST)
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सीजेआई बोबडे ने कहा कि वेकेशन बैंच किसानों के ग्रुप को सुन सकते हैं, उन्हें नोटिस जारी होने के बाद. लेकिन क्या इसी बीच सरकार कोर्ट को आश्वस्त कर सकती है कि वो कानून पर अमल नहीं करेगी.

calenderIcon 13:47 (IST)
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अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि अगर यूनियन बॉयकॉट कर रही है, बात ही नहीं कर रही तो फिर कमेटी के गठन से कोई मकसद हल नहीं होगा.

calenderIcon 13:46 (IST)
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मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम किसानों के दर्द को समझते हैं. उनसे सहानुभूति है. सिर्फ प्रदर्शन के तरीके पर बात हो रही है.

calenderIcon 13:42 (IST)
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सीजेआई बोबडे ने साफ किया कि किसानों को प्रदर्शन का अधिकार है. हम उन्हें ऐसा करने से रोकेंगे नहीं. हम उनके इस अधिकार में कटौती नहीं कर सकते. सिर्फ प्रदर्शन के तरीके को लेकर बात की जा सकती है, ताकि दूसरे नागरिकों को दिक्कत न हो.

calenderIcon 13:39 (IST)
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चिल्ला बॉर्डर पर किसानों ने दूसरी तरफ का रास्ता बंद कर दिया है. दूसरे संगठन ने यह रास्ता बंद किया है.

calenderIcon 13:05 (IST)
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हरीश साल्वे ने जवाब देते हुए कहा कि कोई भी अधिकार अपने आप में संपूर्ण नहीं है. अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार भी असीमित नहीं है.

calenderIcon 13:04 (IST)
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इस पर सुप्रीम कोर्ट से मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने साफ किया कि हमने कानून के खिलाफ प्रदर्शन के अधिकार को मान्यता दी है, उस अधिकार में कटौती का कोई सवाल नहीं, बशर्ते वो किसी और की जिंदगी को प्रभावित न कर रहा हो.

calenderIcon 13:03 (IST)
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याचिकाकर्ता ऋषभ की ओर से वकील के तौर पर हरीश साल्वे आज कोर्ट में पेश हुए हैं. जिन्होंने प्रदर्शन के चलते लोगों के आवागमन की दिक्कतों का हवाला दिया है.

calenderIcon 13:01 (IST)
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कोर्ट ने कहा कि कानूनों की वैधता पर बाद में सुनवाई करेंगे. पहले जिस मसले पर विचार करेंगे वो है, बॉर्डर पर चल रहा प्रदर्शन, जिसके चलते आवागमन बाधित हो रहा है. 

calenderIcon 13:00 (IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने आज पहले उन याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करने इनकार कर दिया है, जिनमें कृषि कानूनों की वैधता को चुनौती दी गई है.

calenderIcon 11:37 (IST)
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चिल्ला बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है. 


calenderIcon 09:34 (IST)
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संत राम सिंह की आत्महत्या के मामले को लेकर किसानों के 30 संगठनों की बैठक थोड़ी देर में बैठक होगी. सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले को लेकर भी रणनीति तैयार की जाएगी. किसानों का कहना है कि लीगल नोटिस के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपने पक्ष को रखने पर प्लान ऑफ एक्शन तैयार करेंगे. 

calenderIcon 08:49 (IST)
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कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमने सरकार से ये कानून नहीं मांगे थे, हम सरकार से मांगते हैं कि हमारी फसल का दाम बढ़ाओ, वो बढ़ाते नहीं हैं. 


calenderIcon 08:08 (IST)
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एकता परिषद के नेता राजा गोपाल ने दावा किया है कि दिल्ली में किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए मध्य प्रदेश के मुरैना से किसान पहुंचेंगे. बता दें कि मुरैना केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का संसदीय क्षेत्र है.

calenderIcon 08:06 (IST)
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दिल्ली में जारी किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए आज उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की खापें दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचेंगी.

calenderIcon 07:12 (IST)
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कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का 22वां दिन है. किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं.

calenderIcon 07:11 (IST)
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किसान आंदोलन को लेकर आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. आज कोर्ट में सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया जाना है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से आंदोलन पर जवाब मांगा है और साथ ही सड़कों पर बैठे किसान संगठनों के नाम मांगे हैं.