सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद किसान संगठनों की 4 बजे बैठक
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. आज 21 दिन भी हजारों किसान सड़कों पर धरना दिए बैठे हैं. किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल रखा है.
नई दिल्ली:
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. आज 21 दिन भी हजारों किसान सड़कों पर धरना दिए बैठे हैं. किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल रखा है. अभी तक किसान आंदोलन कभी गरम तो कभी नरम पड़ता दिखा है. इसी तर्ज पर एक बार फिर किसानों का विरोध तेज हो गया है. किसानों ने सरकार के लिखित प्रस्तावों का लिखित में जवाब दिया है. किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने पर अड़े हैं तो सरकार कानूनों को वापस लेने के पक्ष में नहीं है. हालांकि बातचीत से हल निकालने की कोशिश भी निरंतर की जा रही है और सरकार कानूनों में संशोधन के लिए भी तैयार है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय आज सिंघु बॉर्डर पर किसानों के बीच पहुंचे और किसानों की व्यवस्था का जायजा लिया.
यहां पर AAP की तरफ से लोगों को लंगर की सेवा दी जा रही है। AAP के जो भी वलंटियर्स हैं वो रोजाना यहां सेवादार के रूप में काम करते हैं। AAP पूरी तरह से किसानों के समर्थन में है। #FarmLaws का समाधान केंद्र के पास है, वो अपनी जिद छोड़े: सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली पर्यावरण मंत्री गोपाल राय pic.twitter.com/rE2xCCTdKo
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 16, 2020
किसानों के आंदोलन पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि सरकार अगर चाहती तो किसानों के साथ बैठकर आधे घंटे में यह मसला खत्म कर सकती है. प्रधानमंत्री जी खुद हस्तक्षेप करेंगे तो यह पांच मिनट में हल हो जाएगा. मोदी जी इतने बड़े नेता हैं उनकी बात सब लोग मानेंगे. आप (PM) खुद बात कीजिए, देखिए क्या चमत्कार होता है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पंजाब के किसान संगठनों ने शाम 4 बजे बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी.
किसान आंदोलन के चलते देश की राजधानी दिल्ली को हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग, जीटी रोड समेत अन्य प्रमुख मार्ग बंद होने से संपूर्ण उत्तर भारत में सप्लाई चेन टूट चुकी है जिससे उद्योग धंधे काफी प्रभावित हो गए हैं.
सिंघु बॉर्डर: कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए पेट्रोल पंप को टेंट सिटी में बदला गया है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमारी कंडीशन देख कर फाउंडेशन वालों ने ये टेंट लगवाए. इनमें अब ठंड नहीं लगती. इसके लिए कोई पैसा नहीं लिया जाता. इसका सारा रख रखाव यही करते हैं.
सिंघु बॉर्डर: कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए पेट्रोल पंप को टेंट सिटी में बदला गया।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमारी कंडीशन देख कर फाउंडेशन वालों ने ये टेंट लगवाए। इनमें अब ठंड नहीं लगती। इसके लिए कोई पैसा नहीं लिया जाता। इसका सारा रख रखाव यही करते हैं।" pic.twitter.com/54LBRfnxd7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 16, 2020
दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने समेत तीन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा है कि समाधान के लिए हम एक कमेटी का गठन करेंगे, जिसमें भारतिय किसान यूनियन, सरकार के लोग और दूसरे किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से किसान संगठनों के नामों की लिस्ट मांगी है. तीन अलग-अलग याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट में किसान के धरने से लेकर कृषि कानूनों पर समाधान की मांग की है.
चिल्ला बॉर्डर पर भूख हड़ताल कर रहे भारतीय किसान यूनियन (भानु) के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि मेरी चार दिन से भूख हड़ताल चल रही है. हम यहां शांतिपूर्वक बैठे थे लेकिन हमारे लोगों को DND पर रोका जा रहा है इसलिए अभी रोड ब्लॉक करेंगे. जब तक सारे लोग नहीं आ जाते हम किसी को नहीं जाने देंगे.
चिल्ला बॉर्डर पर किसानों ने सड़क घेरकर लंगर शुरू कर दिया है. किसानों का कहना है कि वो यही खाएंगे और यहीं डटेंगे.
किसानों ने चिल्ला बॉर्डर को बंद कर दिया. किसानों का कहना है उनके साथियों को जगह जगह रोक जा रहा है. नजरबंद किया जा रहा है. इसके विरोध में किसान इस रास्ते को बंद कर रहे हैं. हालांकि पुलिस का मानना है कि वो कुछ देर में किसानों को मना लेंगे.
नोएडा में कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने चिल्ला बॉर्डर पर दिल्ली की तरफ जा रहे नोएडा लिंक रोड को ब्लॉक कर दिया है.
Noida: Protesting farmers block Noida Link Road towards Delhi at Chilla border pic.twitter.com/SrGc3miU76
— ANI UP (@ANINewsUP) December 16, 2020
दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का धरना जारी है. किसानों ने ऐलान किया है कि अलग अलग जगह पर समर्थन देने के लिए आने वाले किसानों को अगर आगे नहीं आने दिया गया तो नेशनल हाईवे-9 को पूरी तरह बंद किया जाएगा.
कड़ाके की ठंड के बीच किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन भानु प्रदर्शन कर रहा है. 4 दिन से प्रदेश अध्यक्ष थाकिलूर योगेश प्रताप सिंह भूख हड़ताल पर बैठे हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक इस बात की कोई सुध नहीं ली है कि किसान संगठन इस बात से बेहद नाराज हैं. योगेश प्रताप का कहना है कि सरकार को फर्क नहीं पड़ता कि किसान जिए या मर जाए. हम अभी तक तो यह सोचते आ रहे हैं कि रास्ते को खोल देना चाहिए, आम लोगों को दिक्कत होती है, लेकिन अब हम अपनी रणनीति में बदलाव कर सकते हैं और रास्ते को फिर से बंद किया जा सकता है.
किसान कानूनों के विरोध के लिए यूपी की अलग-अलग जगहों से आए पूर्व सैनिक गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे हैं. पूर्व सैनिक संगठन से सूबेदार रहे जे.पी. मिश्रा ने बताया कि ओडिशा से भी और लोग आज आ रहे हैं. साढ़े 10 बजे तक लगभग 200 लोग आ जाएंगे. किसानों के साथ अब संत और सैनिक समाज दोनों खड़े हैं.
किसान कानूनों के विरोध के लिए यूपी की अलग-अलग जगहों से आए पूर्व सैनिक गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे।
पूर्व सैनिक संगठन से सूबेदार रहे जे.पी. मिश्रा ने बताया, "ओडिशा से भी और लोग आज आ रहे हैं। साढ़े 10 बजे तक लगभग 200 लोग आ जाएंगे। किसानों के साथ अब संत और सैनिक समाज दोनों खड़े हैं। " pic.twitter.com/z7Rbuc6qRM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 16, 2020
दिल्ली हाईवे बंद होने से जयपुर में रोजाना 400 करोड़ का व्यापार प्रभावित हो रहा है. ट्रांसपोर्टर्स का 150 करोड़ का कारोबार भी प्रभावित है. जयपुर में सामान की सप्लाई रुकने के कारण प्रदेश के अन्य हिस्सों में माल नहीं जा रहा है.
किसान संगठनों ने आज दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर को बंद करने का ऐलान किया है.
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