यमुनानगर में मंत्री का कार्यक्रम रोकने पहुंचे किसान पुलिस से भिड़े
गुस्साए किसानों ने ट्रैक्टर से बैरिकेड तोड़ दिए. कई किसान बैरिकेड के ऊपर चढ़ गए और पुलिस से बहसबाजी करने लगे.
highlights
- कृषि कानूनों पर किसानों का बढ़ता जा रहा गुस्सा
- यमुनानगर में पुलिस से बहसबाजी, बैरिकेडिंग तोड़ी
- कुछ किसानों ने माफी मांग कहा-बदनाम कर रहे कुछ
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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की नाराजगी बढ़ती जा रही है. शनिवार को हरियाणा के यमुनानगर में प्रस्तावित बीजेपी की बैठक के विरोध में किसानों ने हंगामा किया. बैठक में हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा को आना था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस और किसानों के बीच झड़प हो गई. गुस्साए किसानों ने ट्रैक्टर से बैरिकेड तोड़ दिए. कई किसान बैरिकेड के ऊपर चढ़ गए और पुलिस से बहसबाजी करने लगे. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए. टकराव की आशंका को देखते हुए पुलिस फोर्स को अलर्ट कर दिया गया है. पुलिसकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद ट्रैक्टर व किसानों को आगे जाने नहीं दिया. इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई.
तनाव की स्थिति बनी
डीएसपी (बिलासपुर) आशीष चौधरी ने बताया कि राज्य के कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा शनिवार को यमुनानगर स्थित रामविलास भवन में बैठक करने पहुंचे थे. इसके लिए स्थानीय विधायकों और मंत्रियों का भी यहां आना था. किसानों ने ऐलान किया था कि हम इनका विरोध करेंगे और किसी भी कीमत पर ये कार्यक्रम नहीं होने देंगे. डीएसपी ने बताया कि किसानों ने जब इस बैठक को रोकने का प्रयास किया तो पुलिस और किसानों में झड़प हो गई. इस दौरान कुछ लोगों ने बैरिकेड पर ट्रैक्टर तक चढ़ा दिया, लेकिन पुलिस उन्हें काबू करते हुए सफलतापूर्वक कार्यक्रम का संचालन कराने में सफल रही.
यह भी पढ़ेंः कृषि कानूनों के मुद्दे को UN में ले जाएंगे आंदोलनकारी? टिकैत ने कही ये बात
कुछ किसान नेताओं ने मांगी माफी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि किसान नेताओं से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम इसके लिए माफी मांगते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे बीच में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो बात नहीं मानते हैं. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. किसानों ने गिरफ्तारियां दी हैं. पुलिस बैरिकेडिंग को ट्रैक्टर से टक्कर मारने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले एएनआई से बात करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार बातचीत करना चाहती है तो हम तैयार हैं. 22 तारीख से हमारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम रहेगा. 22 जुलाई से संसद सत्र शुरू होगा. 22 जुलाई से हमारे 200 लोग संसद के पास धरना देने जाएंगे. टिकैत ने कहा कि मैंने ये नहीं कहा था कि कृषि क़ानूनों को लेकर संयुक्त राष्ट्र जाएंगे. हमने कहा था कि 26 जनवरी के घटना की निष्पक्ष जांच हो जाए. अगर यहां की एजेंसी जांच नहीं कर रही है तो क्या हम यूएन में जाएं?
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