सरकार की हिदायत के बावजूद फसलों के अवशेष जलाने को मजबूर हैं किसान
पंजाब और हरियाणा में खेतों से फसल काटे जाने के बाद बची खूंटियों को जलाने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बाद एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने भी रोक लगाने का आदेश दिया है
चंडीगढ़:
पंजाब और हरियाणा में खेतों से फसल काटे जाने के बाद बची खूंटियों को जलाने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बाद एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने भी रोक लगाने का आदेश दिया है, लेकिन किसानों का कहना है कि फसल अवशेष को जलाने के अलावा उनके पास बेहद कम विकल्प हैं।
किसान खूंटियों को इसलिए जलाता है, ताकि उस जमीन पर अगली फसल उगा सके। इस खरीफ अवधि में दोनों ही राज्यों में धान की बंपर फसल होने का अनुमान है और 2.25 करोड़ टन से अधिक पैदावार की उम्मीद है। पंजाब इस सीजन में 1.8 करोड़ टन धान की सरकारी खरीद की उम्मीद कर रहा है।
हाल के सालों में केंद्र और राज्य सरकारों ने फसल अवशेष को जलाने से रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करने की धमकी से लेकर अवशेष जलाने से होनेवाले प्रदूषण के प्रति जागरूकता फैलाने की कवायद शामिल है। लेकिन इनका नतीजा सिफर रहा।
फसलों के अवशेष जलाने से उत्तर भारत में ठंड के मौसम में प्रदूषण और धुआं बढ़ता जा रहा है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
फतेहगढ़ साहिब जिले के किसान गुरमेल सिंह ने आईएएनएस को बताया, "ज्यादातर किसान संपन्न नहीं हैं। वे वैज्ञानिक और तकनीकी तरीके नहीं अपना सकते, क्योंकि इसमें धन खर्च होता है। इसलिए दूसरी फसल लगाने के लिए खेत साफ करने के मकसद से अवशेषों को जलाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं होता।"
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वे इस मुद्दे पर जोर-जबरदस्ती नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 'संकटग्रस्त किसानों के वित्तीय बोझ में और बढ़ोतरी नहीं करेगी, क्योंकि उनमें से कई आर्थिक संकट के कारण आत्महत्या कर रहे हैं।'
और पढ़ेंः कांग्रेस मुक्त भारत BJP का सपना, मैं ऐसा नहीं कह सकता: राहुल गांधी
पंजाब सरकार ने केंद्रीय वित्त और कृषि मंत्रालय से किसानों को फसलों के अवशेष के निपटारे के लिए 100 रुपये प्रति क्विटंल मुआवजा देने को कहा है, ताकि वे फसल अवशेष का निपटारा वैज्ञानिक तरीके से कर पाएं।
पंजाब सरकार का अनुमान है कि राज्य में 2.28 करोड़ की आबादी में करीब 17.5 लाख किसान हैं।
पंजाब के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने फसल विविधीकरण, पुआल प्रबंधन उपकरण और औद्योगिक उपयोग के माध्यम से प्रतिवर्ष धान का 1.54 करोड़ टन अवशेष प्रबंधन करने का सुझाव दिया है। लेकिन इन सभी चरणों में महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता होती है।
वहीं, पड़ोसी राज्य हरियाणा के मुख्य सचिव डी.एस. धेसी ने अधिकारियों को फसल अवशेष को जलाने के खिलाफ लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए एक विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है और फसल अवशेष जलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
धेसी ने कहा कि पहली बार लोगों को फसलों के अवशेष के जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक बनाने के लिए ग्राम पंचायतों के सरपंचों की सहायता ली जाएगी और उन्हें जवाबदेह बनाया जाएगा।
और पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर: बारामूला में जैश आतंकी खालिद ढेर, सुरक्षाबलों पर किया था हमला
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा