logo-image

आंदोलन छोड़ बातचीत का रास्ता अपनाएं किसान: नरेंद्र सिंह तोमर

किसानों के आंदोलन का आज 16वां दिन है. किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली सीमा पर डटे हुए हैं. सरकार से कई दौर की बातचीत भी हुई.

Updated on: 11 Dec 2020, 03:29 PM

नई दिल्ली:

किसानों के आंदोलन का आज 16वां दिन है. किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली सीमा पर डटे हुए हैं. सरकार से कई दौर की बातचीत भी हुई. लेकिन हर बैठक बेनतीजा रही. सरकार इस कानून में संशोधन करना चाहती है लेकिन किसान इसको रद्द करने की मांग कर रहे हैं. वहीं इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने प्रस्ताव में किसानों की आपत्तियों के समाधान का सुझाव देने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि किसानों को आंदोलन छोड़कर चर्चा का रास्ता अपनाना चाहिए. सरकार बातचीत के लिए तैयार है. 

 

कृषि कानून को लेकर किसान और विपक्ष के आरोप का सामना कर रही बीजेपी ने अब इस मामले में फ्रंटफुट पर खेलने की तैयारी कर ली है. बीजेपी शुक्रवार से देशभर में 700 अलग-अलग जगहों पर प्रेस कांफ्रेंस और चौपाल का आयोजन करेगी. इस चौपाल के जरिए लोगों को सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि बिलों के फायदे बताए जाएंगे. कृषि कानून को लेकर किसान पिछले 16 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. केंद्र सरकार की ओर से किसानों को लिखित प्रस्ताव भी दिया गया लेकिन किसान अपनी मांगों पर डटे हुए हैं.

इसके बाद अब बीजेपी ने इस मामले को सीधे जनता तक ले जाने का प्लान तैयार किया है जानकारी के मुताबिक बीजेपी देशभर में 718 जिलों में पीसी और 100 स्थानों पर किसान सम्मेलन करेगी. बीते दिन ही कृषि कानून पर एक बुकलेट जारी की गई थी, जिसमें तीनों कृषि कानूनों के फायदों को गिनाया गया था. इसके अलावा कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कृषि कानून के फायदे गिनाए थे.