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कृषि मंत्री के रूप में APMC कानून में संशोधन चाहते थे शरद पवार: सरकारी सूत्र

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के समर्थन के बीच सरकार के सूत्रों ने रविवार को कहा कि संप्रग सरकार में कृषि मंत्री रहते हुए पवार ने मुख्यमंत्रियों से उनके राज्यों में एपीएमसी कानून में संशोधन करने को कहा था.

Updated on: 06 Dec 2020, 10:49 PM

दिल्ली:

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के समर्थन के बीच सरकार के सूत्रों ने रविवार को कहा कि संप्रग सरकार में कृषि मंत्री रहते हुए पवार ने मुख्यमंत्रियों से उनके राज्यों में एपीएमसी कानून में संशोधन करने को कहा था, ताकि निजी क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके. पवार द्वारा अनेक मुख्यमंत्रियों को लिखे कुछ पत्रों की विषयवस्तु साझा करते हुए सूत्रों ने दावा किया कि भाजपा नीत राजग सरकार ने कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) कानून में कुछ बदलाव किये हैं, जिनके लिए पवार ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए प्रयास किए थे.

पवार केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के प्रदर्शन को लेकर नौ दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर सकते हैं. राकांपा ने आठ दिसंबर को भारत बंद के किसानों के आह्वान का समर्थन किया है. सरकारी सूत्रों ने कहा कि पवार ने 2010 में दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को लिखे पत्र में कहा था कि देश के ग्रामीण इलाके में विकास, रोजगार और आर्थिक समृद्धि के लिए कृषि क्षेत्र को अच्छी तरह संचालित बाजारों की जरूरत होगी.

राज्य एपीएमसी कानून में संशोधन की अपेक्षा जताते हुए उन्होंने पत्र में लिखा कि इसके लिए शीत गृहों समेत विपणन ढांचे में बड़े निवेश की जरूरत होगी. इसके लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी जरूरी है जिसके लिए एक उचित नियामक तथा नीतिगत माहौल चाहिए होगा. इसी तर्ज पर उन्होंने मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में खेतों से लेकर उपभोक्ताओं तक विपणन के ढांचे में निवेश की जरूरत पर जोर देते हुए कहा था कि निजी क्षेत्र को इस संबंध में अहम भूमिका निभानी होगी.