BKU ने किसानों से कहा- कार्यक्रमों में तबतक BJP नेताओं को न बुलाएं, जबतक...

Farmer Protest : केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का विरोध जारी है. इसे लेकर किसानों ने गुरुवार को शांतिपूर्वक रेल रोको आंदोलन किया था. किसान यूनियन ने हाल ही में मुजफ्फरनगर के सिसौली में एक पंचायत का आयोजन किया.

Farmer Protest : केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का विरोध जारी है. इसे लेकर किसानों ने गुरुवार को शांतिपूर्वक रेल रोको आंदोलन किया था. किसान यूनियन ने हाल ही में मुजफ्फरनगर के सिसौली में एक पंचायत का आयोजन किया.

author-image
Deepak Pandey
New Update
Rakesh Tikait

बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत( Photo Credit : फाइल फोटो)

Farmer Protest : केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का विरोध जारी है. इसे लेकर किसानों ने गुरुवार को शांतिपूर्वक रेल रोको आंदोलन (Rail Roko Andolan) किया था. किसान यूनियन (Farmer Union) ने हाल ही में मुजफ्फरनगर के सिसौली में एक पंचायत का आयोजन किया और इसमें आग्रह किया कि लोग अपने पारिवारिक समारोह या कार्यक्रमों में भाजपा नेताओं को आमंत्रित ना करें. ऐसा तब तक करने के लिए कहा गया है जब तक कि सरकार और किसानों के बीच का गतिरोध खत्म नहीं हो जाता है.

Advertisment

सिसौली में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रमुख नरेश टिकैत ने यह निर्देश दिया है. इससे पहले मुजफ्फरनगर की एक किसान महा पंचायत में भाजपा नेताओं का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला लिया गया था. इस फैसले से भाजपा के लिए चीजें अजीब हो गई हैं क्योंकि भाजपा ने नेताओं से कहा है कि वे किसानों से मिलकर उन्हें कृषि कानूनों से होने वाले फायदे समझाएं लेकिन किसान उन्हें अपने पास आने नहीं दे रहे हैं.

बीकेयू के युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दिगंबर सिंह ने कहा कि बीकेयू प्रमुख नरेश टिकैत ने लोगों को किसी भी कार्यक्रम में भाजपा नेताओं को आमंत्रित नहीं करने की सलाह दी है. ऐसा उन्होंने किसान आंदोलन के मद्देनजर नेताओं को लोगों द्वारा किए जा सकने वाले र्दुव्यवहार से बचाने के लिए कहा है. बता दें कि सिसौली की पंचायत बुधवार की शाम को 4 घंटे से ज्यादा चली और इसमें आंदोलन के विभिन्न पहलुओं और गन्ने की दर में वृद्धि नहीं होने के मुद्दे पर चर्चा की गई.

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन शुक्रवार को 86वें दिन में प्रवेश कर गया है. इन कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान सरकार के खिलाफ धरना दे रहे हैं. कमजोर पड़ रहे आंदोलन को धार देने के लिए गुरुवार को किसानों ने देशभर में चक्का जाम किया. हालांकि किसानों के 4 घंटे के 'रेल रोको' का देशभर में ट्रेन परिचालन पर 'न्यूनतम या नगण्य' प्रभाव पड़ा और यह समय बिना किसी अप्रिय घटना के गुजर गया. कृषि कानून के मसले पर सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता के बाद भी किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं तो सरकार भी कानून वापस न लेने पर अड़िग है.

Source : IANS

rakesh-tikait farmer-protest Mahapanchayat BKU Fram Laws
      
Advertisment