देशभर से हजारों किसान फसलों के उचित दाम और कर्जमाफी की मांग को लेकर दिल्ली के संसद मार्ग पहुंच गए. राजधानी में प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहुंचे और मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'कोई भी युवाओं और किसानों की आवाज़ को दबा नहीं पायेगा. अगर भारत सरकार अपमान करती है तो वे इसे हटा कर दिखाएंगे. उन्होंने आगे कहा, 'सरकार से कर्जमाफी की मांग कर वे कोई मुफ्त गिफ्ट नहीं मांग रहे. वे सिर्फ अपना बकाया मांग रहे है.'
बीजेपी पर हमलावर तेवर अख्तियार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'अगर ये सरकार 15 बड़ी इंडस्ट्री का 3.5 लाख करोड़ का लोन माफ़ कर सकती है तो देश के किसानों के लाखो करोड़ों का क्यों नहीं.'
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, 'हमें कानून बदलना पड़े, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बदलना पड़े, हम किसान का भविष्य बना कर ही रहेंगे, एक इंच पीछे नहीं हटने वाले. अगर कोई सरकार हिंदुस्तान के किसान का अपमान करेगी, हिंदुस्तान के युवा का अपमान करेगी तो उस सरकार को किसान और युवा हटा कर दिखायेगा.'
राहुल गांधी, सीताराम येचुरी, अरविंद केजरीवाल, फारूक अब्दुल्ला किसानों को संबोधित करने पहुंचे, जहां उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. अरविंद केजरीवाल ने निशाना साधते हुए कहा,पांच महीने बचे है, मैं केंद्र सरकार से स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने की मांग करता हूं. वार्ना 2019 में ये किसान क़यामत ढा देंगे.
उन्होंने आगे कहा, 'सारे दिल्लीवाले कह रहे हैं कि मोदीजी दिल्ली के लिए हानिकारक हैं. दिल्लीवालों से पूछ कर देखो. पीएम मोदी दिल्ली के हर काम में टांग अड़ा रहे हैं.'
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किसान मुक्ति मार्च का आयोजन करने वाले संगठन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) को आधी रात को प्रदर्शन करने के लिए जरूरी इजाजत मिल गई थी. किसानों के कई समूह ने एआईकेएससीसी के बैनर तले गुरुवार को दिल्ली के निजामुद्दीन, सब्जी मंडी स्टेशन, आनंद विहार टर्मिनल और मजनू का टीला से रैली निकाली. स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने ब्रिजवासन से रामलीला मैदान तक 26 किलोमीटर की प्रदर्शन रैली निकाली, जिसमें ओडिशा, हरियाणा और राजस्थान के किसान शामिल हुए.
कई लड़कियां जिनके किसान पिता ने आत्महत्या कर ली थी, उन्होंने अपने गले में अपने दिवंगत पिता की फोटो लटकाकर रैली में हिस्सा लिया. इस विरोध प्रदर्शन में मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों पर गोलीबारी के बाद भाजपा सरकार के 'गैर-किसान' नीतियों के विरोध में भी प्रदर्शन किया जा रहा है. वर्ष 2017 की इस घटना में छह किसान मारे गए थे.
Source : News Nation Bureau