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संयुक्त किसान मोर्चा का बड़ा ऐलान- मई के पहले पखवाड़े में संसद कूच

कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. सयुंक्त किसान मोर्चा की आमसभा में मंगलवार को कई अहम फैसले लिए गए हैं. इस आमसभा में संयुक्त किसान मोर्चा ने बड़ा ऐलान किया है.

Updated on: 31 Mar 2021, 09:58 PM

नई दिल्ली:

कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. सयुंक्त किसान मोर्चा की आमसभा में मंगलवार को कई अहम फैसले लिए गए हैं. इस आमसभा में संयुक्त किसान मोर्चा ने बड़ा ऐलान किया है. किसानों ने कहा कि पांच अप्रैल को FCI बचाओ दिवस मनाया जाएगा, जिस दिन देशभर में FCI के दफ्तरों का घेराव किया जाएगा. 10 अप्रैल को 24 घंटों के लिए केएमपी ब्लॉक किया जाएगा. दिल्ली की सीमाओं पर 13 अप्रैल को वैशाखी का त्योहार मनाया जाएगा. 14 अप्रैल को डॉ. भीम राव अंबेडकर की जयंती पर संविधान बचाओ दिवस मनाया जाएगा. एक मई मजदूर दिवस दिल्ली के बोर्डर्स पर मनाया जाएगा. इस दिन सभी कार्यक्रम मजदूर किसान एकता को समर्पित होगा.

संयुक्त किसान मोर्चा के डॉ दर्शन पाल ने कहा कि मई के पहले पखवाड़े में संसद कूच किया जाएगा. इसमें महिलाएं, दलित आदिवासी बहुजन, बेरोज़गार युवा व समाज का हर तबका शामिल होगा. यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से शांतमयी होगा. अपने गावों शहरों से दिल्ली के बॉर्डर तक लोग अपने वाहनों से आएंगे. इसके बाद दिल्ली के अनेक बॉर्डर्स तक पैदल मार्च किया जाएगा. निश्चित तारीख की घोषणा आने वाले दिनों में कर दी जाएगी. 

इसे लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. इसमें गुरनाम सिंह चढूनी, प्रेम सिंह भंगू, सतनाम सिंह अजनाला, रविंदर कौर, संतोख सिंह, बूटा सिंह बुर्जगिल, जोगिंदर नैण व प्रदीप धनकड़ मौजूद रहे. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा भी हमला बोला है. किसानों ने आगे कहा कि मिट्टी सत्याग्रह यात्रा के तहत यात्रियों को दांडी में किसानों की ओर से 100 गांव की मिट्टी तथा बारदोली में 50 गांव से लाई गई मिट्टी सौंपी गई. उमराची में यात्रा का स्वागत किया गया.

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान देश की मिट्टी को बचाने के लिए 320 से ज्यादा किसान शहीद हुए हैं. शहीद स्मारक बनाकर उन्हें याद करने के लिए यह यात्रा गांधी जी की प्रेरणा से निकाली जा रही है. यात्रा को उमराची में गुजरात पुलिस ने रोक दिया. देश का किसान लोकतंत्र बचाने की लड़ाई को लड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि मिट्टी सत्याग्रह की दूसरी यात्रा नर्मदा बचाओ आंदोलन और जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय की नेत्री मेधा पाटकर के नेतृत्व में मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में राजघाट से शुरू की गई. मिट्टी सत्याग्रह यात्रा में शामिल नर्मदा घाटी के किसान, मजदूर, मछुआरों के प्रतिनिधि गांधी समाधि, राजघाट (कुकरा) बड़वानी से रतलाम, मंदसौर होकर राजस्थान के डूंगरपुर जाएंगे, जहां पर दोनों यात्राएं मिलेगी तथा दिल्ली बॉर्डर (शाहजहांपुर, टिकरी, गाजीपुर, सिंघू) की ओर बढ़ेंगी.

उन्होंने आगे कहा कि तमिलनाडु के कन्याकुमारी के नजदीक मनाकुडी में किसानों व मछुआरों की एक बड़ी महापंचायत आयोजित की गई. इस रैली में हजारों की संख्या में किसान, मजदूर व मछुआरे शामिल हुए. इस कार्यक्रम में 300 से ज्यादा नावों ने समुद्र में काले झंडे दिखाकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया. गाजीपुर बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने जारी परिपत्र किया है.

इन कानूनों में काला क्या है

  • किसान एमएसपी की मांग क्यों कर रहे हैं. 
  • गन्ना किसानों पर व समय पर भुगतान पर क्या खराब असर पड़ेगा.
  • इन कानूनों का बंटाईदारों व पशुपालकों पर क्या असर है. 
  • बिजली बिल से क्या परेशानी होने  जा रही है. 
  • सरकार द्वारा कानूनों को स्थगित करने पर किसानों का क्या विरोध है.