किसान एसोसिएशन ने राज्यों से कृषि-बाजार सुधार के लिए अपील की

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किसान एसोसिएशन ने राज्यों से कृषि-बाजार सुधार के लिए अपील की

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IANS
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Farmer aociation

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

राष्ट्रीय किसान प्रगतिशील संघ (आरकेपीए) ने कहा है कि अगर भारत को अपने नागरिकों को स्थायी खाद्य सुरक्षा और खाद्य पदार्थो की कम महंगाई का आश्वासन देना है, तो उसे हाल ही में किए गए बाजार सुधारों से किसानों की मदद करने की जरूरत है।

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आरकेपीए ने सरकार से किसान विरोधी लॉबी के बहकावे में न आने की गुहार लगाई है और सभी 28 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और 9 प्रशासकों (केंद्र शासित प्रदेश के राज्यपाल) से अपने-अपने राज्यों में सुधार का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।

आरकेपीए के चिंतन शिविर में किसानों के हितों को आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है और इसके सदस्यों ने फैसला किया है कि वे महत्वपूर्ण सुधारों के लिए आम सहमति बनाने के लिए एक जन अभियान करेंगे, जिसे 19 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा निरस्त करने का निर्णय लिया गया है।

संगठन का मानना है कि इस फैसले के बाद उभरते राज्यों जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और अन्य हाशिए पर रहने वाले इलाके बुरी तरह प्रभावित होंगे।

ये हाशिए पर रहने वाले किसान, जो राष्ट्रीय राजधानी से दूर हैं, हाल ही में संसद में पारित तीन किसान अधिनियम के साथ बहुत आशान्वित थे, जिसे अब निरस्त किया जा रहा है। वास्तव में, 23 फसलें जिन पर एमएसपी प्रदान किया जाता है, वे हर तरह से केवल 33 प्रतिशत किसानों को प्रभावित करती हैं।

आरकेपीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद आनंद ने उन कथित विकास विरोधी एजेंटों से स्पष्ट रूप से पूछा कि आखिर कौन सी प्रणाली इन उभरते राज्यों से धान की सभी 87 किस्मों और फसलों की अन्य किस्मों के लिए एमएसपी प्रदान करेगी? इसके साथ ही उन्होंने पूछा, हमने आखिर क्या अपराध किया है? वे हमारे सपनों और आकांक्षाएं को क्यों मार रहे हैं? ये तथाकथित किसान नेता चाहते हैं कि हम उनके खेत में मजदूर और सहायक के रूप में काम करें। वे चाहते हैं कि हम पलायन के लिए मजबूर हों।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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