किसान कानूनों पर वार्ता से पहले चढ़ूनी, कक्का में एका बनाने की कोशिश

10वें दौर की वार्ता से पहले संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति ने किसान नेता गुरुनाम सिंह चढ़ूनी और शिव कुमार शर्मा कक्काजी के बीच एका बनाने की कोशिश की.

10वें दौर की वार्ता से पहले संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति ने किसान नेता गुरुनाम सिंह चढ़ूनी और शिव कुमार शर्मा कक्काजी के बीच एका बनाने की कोशिश की.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Farmers Agitation

किसान नेताओं में ही मतभेद उभरे, दूर करने की कोशिश में किसान संघ.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

नए कृषि कानून पर सरकार के साथ बुधवार को 10वें दौर की वार्ता से पहले संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति ने किसान नेता गुरुनाम सिंह चढ़ूनी और शिव कुमार शर्मा कक्काजी के बीच एका बनाने की कोशिश की. करीब दो महीने से देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के दौरान किसान नेताओं के बीच मतभेद तब उभरकर आया जब गुरुनाम सिंह चढ़ूनी और शिव कुमार शर्मा कक्काजी एक-दूसरे के खिलाफ टिप्पणियां करने लगे. केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लाए गए तीन कृषि कानूनों पर किसान संगठनों के साथ सरकार की ओर से मंत्री समूह की बैठक बुधवार को विज्ञान भवन दोपहर दो बजे होगी. पहले यह बैठक 19 जनवरी 2021 होने वाली थी, लेकिन अपरिहार्य कारणों से सरकार ने बैठक की तारीख एक दिन बढ़ा दी. आंदोलन की रहनुमाई करने वाले किसान नेताओं के साथ सरकार की यह 10वें दौर की वार्ता होगी.

Advertisment

सयुंक्त किसान मोर्चा ने उम्मीद जताई कि सरकार के साथ बुधवार की वार्ता में सरकार किसानों की मांगों पर सहमत होगी. संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि मोर्चा की समन्वय समिति ने शिव कुमार शर्मा कक्काजी के एक अखबार में छपे उस बयान के बारे में चर्चा की जिसमें उन्होंने गुरनाम सिंह चढ़ूनी के बारे में टिप्पणी की थी. बयान के अनुसार, शिव कुमार कक्काजी ने समिति के सामने स्वीकार किया कि उनकी टिप्पणियां अनुचित थीं. यह एहसास करते हुए उन्होंने गुरनाम सिंह चढूनी के खिलाफ अपने सभी आरोप वापस ले लिए हैं. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का हित सर्वोपरि है.

मोर्चा ने बयान में कहा, 'कक्काजी जी ने यह स्पष्ट किया कि वह कभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य नहीं रहे हैं. वह भारतीय किसान संघ से जुड़े रहे थे, लेकिन वर्ष 2012 में उनका निष्कासन कर भाजपा सरकार द्वारा उनको जेल में डाल दिया गया था. तब से उनका भारतीय किसान संघ से भी कोई संबंध नहीं है.' उनके स्पष्टीकरण का स्वागत करते हुए समिति ने इस मामले को समाप्त करने का फैसला लिया और सभी आंदोलनकारियों से प्रार्थना की कि वे एक दूसरे पर किसी भी आरोप-प्रत्यारोप से परहेज करें. गुरुनाम सिंह हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि 26 जनवरी को 'किसान गणतंत्र दिवस परेड' के आयोजन के लिए दिल्ली पुलिस के साथ बातचीत चल रही है.

Source : News Nation Bureau

Modi Government kisan-andolan farmers-agitation किसान आंदोलन Talks Gurunam Singh Chadhni Unity Kakkaji एका गुरुनाम सिंह चढ़नी शिव कुमार शर्मा कक्काजी
      
Advertisment